रोजगार, बसावट, जमीन वापसी सहित 11 मांगो पर किसान सभा की मांग पर बिलासपुर के अधिकारी पहुंचे गेवरा
4 घंटे चली वार्ता के बाद किसान सभा ने कहा आश्वाशन नहीं परिणाम चाहिए
बिलासपुर से पहुंचे अधिकारियों को किसान सभा ने सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी
11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 को गेवरा खदान और कार्यालय बंद की घोषणा की भू विस्थापितों ने
कोरबा 31 जुलाई। छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में एसईसीएल कुसमुंडा,गेवरा,दीपका,कोरबा के भू विस्थापितों के लंबित रोजगार, बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभुत समस्याओं को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है गेवरा और कुसमुंडा में महाघेराव के बाद हेड क्वार्टर बिलासपुर के अधिकारियों के साथ चर्चा का आश्वाशन एसईसीएल प्रबंधन ने दिया था।
गेवरा कांफ्रेंस हाल में भू-विस्थापितों के समस्याओं को लेकर बैठक हुई जिसमें बिलासपुर से पी एंडआईआर महाप्रबंधक अनूप कुमार संतोषी,एल एंड आर महाप्रबंधक शरद तिवारी, मेन पवार जीएम शशि किरण गेवरा,दीपका,कुसमुंडा,कोरबा के जीएमएके साथ अन्य अधिकारी और किसान सभा प्रतिनिधि मंडल की ओर से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू, जय कौशिक, भू-विस्थापित संघ से रेशम,दामोदर,रघुए,शिवदयाल,वीर सिंह,सुभद्रा कंवर,बहतरिन बाई,बसंत चौहान, पवन, उमेश, बृजमोहन, मोहन यादव, समेत बड़ी संख्या में भू-विस्थापित उपस्थित थे।
बैठक में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू, ने एसईसीएल के सभी क्षेत्रों के भू विस्थापितों के लंबित रोजगार,बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभुत समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए समस्याओं के निराकरण की मांग की जिस पर बिलासपुर के अधिकारियों ने रोजगार समेत सभी मांगों पर जल्द निराकरण के साथ अर्जन के बाद जन्म वाले रोजगार प्रकरणों को जल्द बोर्ड में रखने की बात सभी अधिकारियों ने कहा जिसपर माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने अधिकारियों से कहा कि आश्वाशन पर भरोसा नहीं है एसईसीएल को कार्य धरातल पर करते हुए कार्यों का रिजल्ट दिखाना होगा हर बार आंदोलन के बाद झूठा आश्वाशन प्रबंधन देता है जब तक निर्णायक निर्णय भू विस्थापितों के पक्ष में नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा बैठक 4 घंटे चली भू विस्थापितों को प्रबंधन की बातों पर भरोसा नहीं है इसलिए किसान सभा ने बिलासपुर के अधिकारियों को सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी बिलासपुर से आए अधिकारियों को दी है।
किसान सभा ने प्रमुख मांग की है की वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये और अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण का निराकरण कर जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हे बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए। खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी करायी जाये द्य कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापस किया जाए और जरूरत होने पर पुनरू अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार भू विस्थापितों को लाभ दिलाया जाए। अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये। आउट सोर्सिंग कार्यों में भू विस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाओं को स्व रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पुनर्वास गांव में काबिज भू-विस्थापितों को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए। विजयनगर, नेहरु नगर,गंगानगर समेत सभी पुनर्वास गांव को पूर्ण विकसित माडल गांव बनाने समेत 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। एसईसीएल के आश्वाशन से थके भू विस्थापितों ने अब आर पार लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है किसान सभा ने एलान करते हुए कहा है कि 10 दिनों में भू-विस्थापितों के समस्याओं पर सकारात्मक पहल कदमी होते नहीं दिखा तो 11 अगस्त को कुसमुंडा और 17 अगस्त को गेवरा खदान बंद और कार्यालयों का घेराव किया जाएगा।