करोड़ों की चपत लगाने के मामले में दो आरोपियों की तलाश

कोरबा 19 जुलाई। यूरेनियम डील के नाम से अनेक लोगों को अपने झांसे में लेकर करोड़ों की चपत लगाने के सिलसिले में दो आरोपियों को खोजना सीएसईबी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। इस मामले में चार आरोपी पहले ही गिरफ्तार किये जा चुके हैं। उनके जरिए कई अहम सूचनाएं मिली और चल संपत्ति को जब्त करने का काम किया जा चुका है।

पिछले महीनों में यह मामला पुलिस की जानकारी में आया जब बुधवारी और कांशीनगर क्षेत्र के दो-तीन पीडि़त पुलिस के पास पहुंचे। उनके द्वारा बालकोनगर क्षेत्र और आसपास में निवास करने वाले 6 लोगों के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिसमें कहा गया कि प्रदेश सरकार के द्वारा यूरेनियम की सप्लाई करने का काम हम लोगों को दिया गया है। संबंधित आरोपियों ने आरपी ग्रुप के नाम से अपने पंजीकरण का झांसा दिया और लोगों को ललचाया कि अगर वे इस कंपनी में 50 हजार या उससे अधिक धन राशि निवेश करते हैं तो उन्हें बहुत कम समय में छोटा-मोटा नहीं बल्कि सीधा 100 गुना फायदा होगा। इस तरह का ऑफर न केवल आकर्षक था बल्कि लोगों को बड़े सपने दिखाने का जरिया मिला। आनन-फानन में लोग चक्कर में आने के साथ फंसते गए। वर्ष 2016 से ठगी का यह कारोबार कोरबा सहित आसपास के जिलों में शुरू किया गया और अनेक लोगों को करोड़ों की चपत लगा दी गई। समय बीतने पर लोगों ने जब 100 गुना रकम प्राप्ति को लेकर पूछताछ की तो उन्हें नई-नई तारीख दी जानी शुरू हो गई। काफी समय बीतने पर लोगों को लगा कि उनके साथ जरूर ठगी हुई है। वर्ष 2023 में पीडि़त पक्ष पुलिस के पास पहुंचने शुरू हुए और कूटरचना का प्रकरण सामने आया।

सीएसईबी चौकी प्रभारी एस के धारी ने बताया कि यूरेनियम डील के नाम पर अनेक लोगों को चपत लगाने के मामले में कई तरह के खुलासे अब तक हुए हैं। चार आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ उनके कब्जे से कई सामान जब्त किये गए हैं जो ठगी के रूपयों से तैयार किये गए थे। मामले में मुख्य आरोपी मेवालाल और उसका एक सहयोगी अब भी फरार है। समस्या यह है कि दोनों लगातार लोकेशन बदल रहे हैं। ऐसे में खोजबीन व गिरफ्तारी करने में दिक्कतें पेश आ रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस के प्रयास जारी हैं। वह मानव संसाधन के साथ टेक्निकल डिवाइस पर काम जारी रखे हुए हैं ताकि फरार आरोपियों को गिरफ्त में लिया जा सके।

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