विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों पर दर्ज हो गैरइरादतन हत्या का मुकदमा
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा में सोमवार को हुई भीषण आगजनी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दायर करने की मांग उठने लगी है। इस आगजनी में जहां करोड़ों रुपयों की आर्थिक क्षति हुई है, वहीं दूसरी ओर 3 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कमर्शियल कंपलेक्स में बिजली की शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की घटना हुई। जिस स्थान से कांप्लेक्स में आग लगी, वहां पर एक इलेक्ट्रॉनिक दुकान था। इस दुकान के मैनेजर विट्ठल राव लांघे ने बताया कि दुकान के बगल में विद्युत वितरण विभाग का पावर कनेक्शन डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगा हुआ था। इस बॉक्स में भारी अव्यवस्था थी और दुकानों में दिए गए पावर कनेक्शन के तार बेतरतीब तरीके से बिखरे हुए थे। इसी बॉक्स में शॉर्ट सर्किट हुआ। पहले बॉक्स में चिंगारियां उठी और थोड़ी देर बाद तेज आवाज के साथ अनार की तरह चिंगारी ऊपर तक उठने लगी। बॉक्स के ऊपर और अगल-बगल प्लास्टिक के बेहद ज्वलनशील फ्लेक्स लगे हुए थे, जिनमे देखते ही देखते आग लग गई और तेजी के साथ चारों ओर फैल गई।
जिला अग्निशमन अधिकारी और नगर सेना कमांडेंड पीबी सिदार के मुताबिक करीब 7 माह पहले टीम ने संस्थानों का निरीक्षण किया था। उक्त काम्पलेक्स में फायर सेफ्टी के लिए जागरूक करते हुए मेनुअल् पालन का निर्देश दिया गया था।
दमकल कर्मियों के मुताबिक शोरूम में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं थे। धुआं भरने से तीनों लोगों का दम घुट गया। शोरूम की खिड़कियों को मोटे प्लाई व ईंट की दीवार बनाकर बंद कर दिया था। इससे धुआं बाहर नहीं निकला।
आग में जलकर राख हो गई इलेक्ट्रॉनिक शॉप के संचालक प्रेमचंद जैन ने भी शार्ट सर्किट से आग लगने की पुष्टि की। उन्होंने घटना के लिए विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि विद्युत लाइन के रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए कोरबा को प्राप्त होते हैं। लेकिन इस राशि में से महज कुछ लाख रुपये ही रखरखाव पर खर्च होते हैं और पूरी राशि अफसर डकार जाते हैं। उन्होंने घटना के लिए विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग की है।
ट्रांसपोर्ट नगर वार्ड की पार्षद कुमारी रितु चौरसिया ने कहा कि आगजनी की यह बड़ी घटना किसकी गलती से और किन असावधानियों के कारण हुई, इसकी जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को जांच करानी चाहिए। कोरबा के प्रमुख उद्योगपति और विख्यात समाजसेवी राम सिंह अग्रवाल ने आगजनी की घटना को बेहद दुखद बताते हुए मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग जिला प्रशासन से की है ताकि भविष्य में ऐसी घटना की फिर पुनरावृति नहीं होने पाए।
आपको बता दें कि सोमवार की इस घटना में जहां राष्ट्रीय कृत इंडियन बैंक की ब्रांच जलकर खाक हो गई वही इलेक्ट्रॉनिक मोबाइल और कपड़े की 10 से अधिक दुकाने भी राख हो गई। भीषण आग से करोड़ों रुपयों की हानि व्यापारियों को पहुंची है। दोपहर 1:00 बजे के आसपास कमर्शियल कांप्लेक्स में लगी आग पर काबू पाने में लगभग 8 घंटे का समय लगा और फायर बिग्रेड की 10 टीमों ने अथक परिश्रम के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में एक महिला रश्मि श्रेष्ठ 25 वर्ष चिरमिरी, जिला मनेन्द्रगढ़ और शत्रुघ्न धिरहे 42 वर्ष ग्राम करूमहुआ ( कोरबा ), देवेंद्र कुमार 45 वर्ष पामगढ़, जिला- जांजगीर चाम्पा सहित तीन लोगों की धुएं में दम घुटने के कारण मौत हो गई। वही 10 से अधिक लोगों ने कांप्लेक्स की पहली मंजिल से नीचे कूदकर अपने प्राणों की रक्षा की। लगभग 10 लोगों को फायर बिग्रेड की टीम ने सीढ़ी लगाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सुरक्षित बाहर निकाला। पहली मंजिल से कूदने की वजह से 8 लोग मामूली रुप से घायल हो गए थे जिनका स्थानीय चिकित्सालय में इलाज किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के सहायक अभियंता तुषार सिन्हा बिजली लाइन के मेंटेनेंस में किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार करते हैं। उन्होंने कहा की व्यापारियों को बिजली कनेक्शन के आसपास ज्वलनशील पदार्थों को नहीं रखना चाहिए। उन्होंने शॉर्ट सर्किट से आग लगने की पुष्टि की।