कोल स्कैम: सुनील अग्रवाल की दो वाशरी का ईडी ने कब्जा लिया
रायपुर 17 जून। ईडी ने यानी प्रवर्तन निदेशालय ने
छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन में अवैध लेवी के मामले में गिरफ्तार कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल की कोरबा और बिलासपुर में संचालित 2 कोल वाशरी को सील कर अपने कब्जे में ले लिया हैं। बताया जा रहा हैं कि मामले में ईडी ने पहले ही कोयला कारोबार से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनकी चल अंचल संपत्ति को अटेच कर लिया था। इसके बाद 1 जून को ईडी के दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी से आदेश आने के बाद ED ने कोल वाशरी को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई की गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन पर अवैध लेवी के मामले में पिछले एक साल से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इस मामले में आईएएस अफसर, कोल कारोबारी सहित कई लोगों को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर मामले की जांच कर रही हैं। जांच में हुए खुलासा के आधार पर ईडी द्वारा आरोपी बने अधिकारी और कारोबारियों के चल-अचल संपत्ति भी अटेच किये हैं। ईडी की इसी कार्रवाई में कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल की कोरबा के कोथारी और बिलासपुर में संचालित कोल वाशरी को अटेच किया गया था।इस प्रकरण में ईडी की दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी द्वारा 1 जून को दोनों कोल वाशरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कब्जे में लेने का आदेश दिया गया।
जिसके बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कोरबा के कोथारी और बिलासपुर स्थित कोल वाशरी को सील कर सारी अचल संपत्ति के साथ ही कोल वाशरी परिक्षेत्र में लगी सभी मशीनरी को प्रवर्तन निदेशालय के कब्जे में ले लिया हैं। गौरतलब हैं कि एक तरफ प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी कोल परिवहन में अवैध लेवी के मामले में अटेच अचल संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की कार्रवाई कर रहे हैं, वही दूसरी तरफ इसी प्रकरण में कर्नाटक पुलिस ने कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी पर लगे धारा 120बी और 384 को हटा दिया हैं। जानकार बताते हैं कि इन धाराओं के हटने के बाद ईडी ने इस पूरे प्रकरण में जो ग्राउंड बनाया हैं, वो काफी कमजोर पड़ेगा।