दहेज के लिए महिला अधिकारी को किया प्रताडि़त, ससुरालियों पर अपराध दर्ज
कोरबा 08 जून। एक महिला अधिकारी को दहेज के लिए निरंतर शारीरिक,मानसिक रूप से प्रताडि़त किया गया। पुत्री जन्म देने की वजह से दुव्यर्वहार कर झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां दी गई। जान से मारने की धमकी देकर तलाक हेतु विवश किया। तलाक ना देने पर उसका अपहरण कर हत्या की धमकी दी। वर्तमान में विश्वास मेडिकल स्टोर पसान, निवासी पीडि़ता ने पति आलेख कांत चौधरी, 33 वर्ष, ससुर कुशाल कांति चौधरी 62 वर्ष, सास श्रीमती लता चौधरी 57 वर्ष देवर कौशिक चौधरी 29 वर्ष, निवासी सांई राम डेयरी के पास विश्वास गली नंबर एल.6, विनोबा नगर, बिलासपुर, जिला बिलासपुर के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराया है। कोरबा जिले के पसान थाना में धारा 498, 506, 294, 34 भादवि के तहत अपराध कायम किया गया है।
पीडि़ता ने रिपोर्ट में लिखाया है कि. उसका विवाह हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक 21/11/2021 को आलेख कांत चौधरी के साथ होटल टेंपल ट्री पेंड्रा रोड में संपन्न हुआ था। विवाह के पूर्व से शासकीय उद्यानिकी विभाग बिलासपुर में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पद पर वह कार्यरत है तथा पति बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा मल्हार में लिपिक है। सगाई के बाद सास, ससुर, पति एवं देवर के द्वारा पीडि़त के पिता से 1,00,000 रुपए, चांदी का ईंट एवं महंगे होटल में शादी करने का खर्च करने की मांग करने लगे। पिता एवं मायके वालों के द्वारा विवश होकर अभियुक्तगणों को 1,00,000. रुपए नगद, एक्टिवा 6जी स्कूटर, लगभग 10 तोला सोने का जेवर, 15 तोला चांदी का जेवर, हीरे के जेवरात, सोने की चैन, हीरे की अंगूठी कीमती लगभग 10,00,000 रुपए का दिया गया। इसके अतिरिक्त रिसेप्शन एवं होटल टैंपल ट्री का खर्च लगभग 6,00,000 रुपए पृथक से दिया गया। अभियुक्तगणों के द्वारा विवाह में प्राप्त स्त्रीधन की वस्तुओं को भी अपने पास रख लिया गया। विवाह पश्चात 22/11/2021 को अपने ससुराल गई, 23/11/2022 को आशीर्वाद समारोह में प्राप्त स्त्रीधन एवं उपहार की सभी वस्तुएं अभियुक्तगणों के द्वारा हड़प कर लिया गया है। 3-4 महीने बाद से ही सास-ससुर, देवर एवं पति के द्वारा मेरे वेतन, वेतन पर्ची, एकाउंट बैलेंस,पिता की संपत्ति, ऋण आदि के संबंध में जानकारी लिया जाने लगा। अभियुक्तगणों को बताया गया कि विवाह के पूर्व 5,00,000 रुपए का पर्सनल लोन लिया था जिसकी जानकारी विवाह के पूर्व ही पीडि़ता द्वारा पति को बताया जा चुका था। पर्सनल लोन की कटौती पीडि़ता के वेतन से होता है किंतु अभियुक्तगणों के द्वारा मायके वालों से उक्त लोन एवं उसकी ब्याज राशि की गणना कर 9,00,000 रुपए पिता से मांगने लगे। पिता द्वारा असमर्थता जताने पर तथा यह कहने पर कि पर्सनल लोन की रकम मेरी पुत्री के द्वारा अपने वेतन से अदा किया करता है तब अभियुक्तगणों ने एकराय होकर पिता एवं पीडि़ता के साथ गाली गलौच करते हुए अभद्र व्यवहार किया तथा कई बार पर्सनल लोन की रकम मांगने मायके पसान भी आए। रिश्तेदारों को फोन कर पर्सनल लोन 9,00,000. रुपए दिलाने के लिए दबाव डाला जाता रहा।
आरोप है कि विवाह के उपरांत अभियुक्तगणों ने पूर्व नियोजित षडय़ंत्र के तहत पीडि़ता के समस्त जेवरों एवं स्त्रीधन तथा उपहार की वस्तुओं को अपने पास रख लिया गया। पीडि़ता के गर्भावस्था के दौरान मनपसंद वस्तुओं को खाने नहीं दिया जाता था, घर का सारा काम कराया जाता था। सबके खाने के बाद घर का बचा खुचा भोजन खाने को दिया जाता था। बीमार पडऩे पर अभियुक्तगणों के द्वारा इलाज नहीं कराने से विवश होकर स्वयं का इलाज कराती थी प्रसव के लिए पिता ने पति के बैंक खाते में 50,000 रुपए जमा कराया। मित्रा हस्पीटल तोरवा नाका बिलासपुर में ऑपरेशन से डिलीवरी पर पति एवं सास-ससुर के द्वारा ऑपरेशन का खर्च मांगा गया।
बेटी पैदा होने से नाक कट गया कहकर दुव्र्यवहार:-28/08/2022 को पुत्री कुमारी अनिका को जन्म दिया। पुत्री जन्म की जानकारी पर मायके वालों के साथअत्यधिक दुव्यर्वहार किया। कहा गया कि बेटी होने से उनकी नाक कट गई है। बेटी होने से उन्हें घाटा उठाना पड़ेगा उनके द्वारा कहा गया कि उनके खानदान में बेटी पैदा करने का रिवाज नहीं है। डिलीवरी के नाम पर 80,000 रुपए पीडि़ता एवं पिता से वसूल किया गया जबकि डिलीवरी खर्च मात्र 35,000 रुपए आया था। लोन का पूरा पैसा ब्याज सहित 9,00,000 रुपए उन्हें दिए जाने पर ही ससुराल ले जाने की बात कही। मायके वालों के द्वारा इंकार किए जाने पर मारपीट किया जाने लगा। पीडि़ता एवं पुत्री को जान से मारने की धमकियां दी जाने लगी। बेटी के लिए कभी भी कोई सामान, दवाई, दूध आदि लाकर नहीं दिया गया। तलाक देने के लिए कहा जाने लगा। तलाक देने से इंकार करने पर मां व बच्ची की हत्या कर उसे आत्महत्या बताने की धमकियां दिया जाने लगा। पीडि़ता व मायके वालों को झूठे मामले में फंसाने की धमकियां दी। मायके वालों से भी बात नहीं करने दिया जाता था । पीडि़ता एवं अबोध बच्ची को एक कपड़े में घर से निकाल दिया गया तथा अपनाने से इंकार कर दिया गया। 19-09/2022 से मायके में अत्यंत कष्टपूर्वक रह रही है। 08/11/2022 को पति, सास एवं ससुर अपनी कार से मायके पसान आए तथा पिता से बतौर दहेज 9,00,000 रुपए की मांग किए। मेरे पिता द्वारा उक्त रकम देने से असमर्थता जताने पर मेरे पति एवं सास ससुर के द्वारा मुझे एवं मेरे मायके वालों के साथ दुव्र्यवहार करते हुए मां-बहन की बुरी बुरी गाली गलौच करते हुए धमकी देते हुए कहा गया कि वे लोग 9,00,000 रुपए देने पर ही मुझे एवं मेरी पुत्री को अपनाएंगे। दिनांक 26/11/2022 को मेरे पति, सास-ससुर, देवर एवं उसकी पत्नी श्रीमती आयुषी मेरे मायके पसान आए तथा मेरे पिता से बतौर दहेज 9,00,000 रुपए की मांग किए। असमर्थता जताने पर दुव्र्यवहार करते हुए गलौच करते हुए धमकी देते हुए कहा गया कि वे लोग 9,00,000 रुपए देने पर ही अपनाएंगे अन्यथा पति का विवाह ज्यादा दहेज देने वाले के यहां कर देंगे।