मध्यम वर्गीय परिवार हेतु गोधन न्याय योजना साबित हो रही अत्यंत लाभकारी
गोबर बेचकर विरेंद्र को हुआ 50 हजार से अधिक का लाभ
कोरबा 03 जून। कुछ वर्ष पूर्व जिस गोबर का कोई मोल नहीं था, अब वही गोधन लोगों की आमदनी का प्रमुख जरिया बन रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की लोक कल्याणकारी गोधन न्याय योजना से राज्य के गौपालक किसान और ग्रामीण महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से लाभ कमा रहे हैं। योजनांतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए गौठानों में पशुपालकों से नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। जिससे पशुपालकों को अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।
विकासखण्ड कोरबा के ग्राम पहन्दा निवासी श्री विरेंद्र्र सिंह के दिनचर्या में भी गोधन न्याय योजना से सकारात्मक परिवर्तन हुआ है। उन्होंने योजना का लाभ लेते हुए अब तक 25 हजार किलोग्राम से अधिक का गोबर विक्रय कर 50 हजार से अधिक का लाभ अर्जित किया है। हितग्राही ने बताया कि सरकार की गोधन न्याय योजना मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है। उन्होंने बताया कि गौपालन कर दुग्ध व्यवसाय उनका घरेलू व्यवसाय रहा है। योजना प्रारंभ होने से पहले केवल दूध के विक्रय से ही लाभ मिलता था। साथ ही कुछ मात्रा में गोबर का उपयोग पारंपरिक रूप से खाद बनाने में करते थे। शेष गोबर का कोई व्यवसायिक उपयोग नहीं होता था। इस कारण उनका इस व्यवसाय से रूझान कम होता जा रहा था।
परंतु गोधन न्याय योजना के संचालन से अब उन्हें अब दूध के साथ ही गोबर के विक्रय से दोहरा लाभ मिल रहा है। जिससे उनकी रूचि इस कार्य में और बढ़ गई है। गोबर विक्रय से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त आय से उन्हें आर्थिक संबल मिला है। विरेंद्र बताते हैं कि प्राप्त राशि का उपयोग कर उन्होंने अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाया है। जिसमें नए गाय खरीदना एवं उनका समय समय पर इलाज जैसे अन्य कार्य शामिल है। साथ ही घर के लिए आवश्यक चीजों की पूर्ति करने में भी गोधन न्याय योजना से मदद मिली है। हितग्राही ने जनहितकारी योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को लाभ दिलाने हेतु प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है।