कोयला लोड मालगाड़ी क्रासिंग पर अटकी, तीन घंटे तक परेशान हुए लोग

कोरबा 29 मई। एसईसीएल की खदान से कोयला लेकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पावर प्लांट जा रही मालगाड़ी आज सुबह ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रासिंग के हिस्से में अटक गई। इसका एक सिरा बंद हो चुके टीपी नगर केबिन के पास था और दूसरा सिरा शारदा विहार क्रासिंग से ठीक पहले। इस स्थिति में ट्रांसपोर्ट नगर, चिमनीभट्ठा और एसईसीएल की तरफ से आना-जाना करने वाले लोगों को लंबा चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

आज सुबह 8 बजे के आसपास कोयला ले जाने के दौरान डीएसपीएम की मालगाड़ी चाहकर भी आगे मूवमेंट नहीं कर सकी। 60 से अधिक डिब्बे इसमें लगाए गए हैं जिनमें कोयला भरा हुआ था। रेलवे ने व्यवस्था के अंतर्गत आगे और पीछे इंजिन की व्यवस्था कर रखी थी। इलेक्ट्रीफाइड ट्रैक होने पर भी मालगाड़ी के परिचालन में समस्याएं आई और आखिरकार चढ़ाई वाले रास्ते को पार नहीं कर सकी। ट्रांसपोर्ट नगर क्रासिंग से 200 मीटर आगे बढऩे के साथ मालगाड़ी के पहिए मौके पर थम गए। नतीजा ये हुआ कि यह क्रासिंग ढाई घंटे तक बंद रही। ऐसे में अलग-अलग दिशा से एसईसीएल कार्यालय, कुआंभट्ठा चिमनीभ_ा और मानिकपुर की तरफ आवाजाही करने वाले वर्ग को गंतव्य पहुंचने के लिए सीएसईबी चौक, महाराणा प्रताप प्रतिमा से लेकर घंटाघर वाले रास्ते का विकल्प अपनाना पड़ा। इस दौरान उन्हें 5 से 6 किमी की दूरी तय करनी पड़ी। तापमान की अधिकता के बीच इस तरह की समस्या होने के कारण लोग परेशान हुए। रेलवे सूत्रों का कहना है कि लोड कैपिसिटी के अलावा पॉवर से जुड़ी समस्याएं होने पर इस प्रकार के मसले खासतौर पर उस स्थान पर आते हैं जहां ट्रैक में चढ़ाई होती है। हालांकि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है।

इसी हिस्से में दो दिन पहले भी इस तरह की परिस्थितियां निर्मित हुई थी। उस दौरान भी काफी समय तक मालगाड़ी एक जगह पर आकर ठहर गई और इसके चक्कर में आवाजाही बाधित हुई। आवश्यक कार्यों के लिए कम दूरी का रास्ता चयन करने वाले लोगों को अनावश्यक फेरा लगाना पड़ा। इसे लेकर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। मालगाडिय़ों के अक्सर इस तरह रूक जाने और लंबे समय तक टस से मस नहीं होनेे का सबसे बड़ा फायदा कोयला चोरों को मिलता है। इस दौरान उनकी मौज हो जाती है। तमाम तरह के खतरे मौजूद होने पर भी ऐसे लोग ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से कोयला चुराने को लेकर अमादा रहते हैं। देखा गया है कि ओएचई लाइन की परवाह नहीं करते हुए लोग उत्साह से लबरेज होते हैं और मालगाड़ी से कोयला पार करते हैं। यह सब इसलिए होता है क्योंकि सीएसईबी ने चोरी रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है।

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