कोरबा व कटघोरा वन मंडल में 1.10 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ते संग्रहित

कोरबा 24 मई। तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य अब अंतिम चरण की ओर है। कोरबा व कटघोरा वन मंडल में 1.41 लाख मानक बोरा पत्ता संग्रहित किए जाने का लक्ष्य है। 16 दिन के भीतर दोनों वन मंडल में 1.10 लाख मानक बोरा पत्ता संग्रहित कर लिया गया है। बीते वर्ष की तुलना में यह 36 हजार 120 मानक बोरा अधिक है। मौसम अनुकूल होने से पत्ता तोड़ाई का काम 728 में से 321 फड़ों में लगभग पूरा हो चुका है। पत्ते फड़ से गोदामों संग्रहित होने लगे हैं। अब हितग्राहियों को मजदूरी का इंतजार है।

कोरोना काल में लगातार दो साल तक तेंदूपत्ता संग्रहण बाधित रहा। लाकडाउन के अलावा गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाए जान के कारण संग्राहक परिवार जंगल तक नहीं पहुंच पाए थे। जारी वर्ष में तेंदूपत्ता संग्रहण हितग्राहियों के लिए वरदान साबित हो रहा। संग्रहण के लिए पर्याप्त समय मिलने से करीब आधे फड़ों में पत्तों की पूर्ण तोड़ाई कर ली गई है। पिछले कुछ सालों से संग्रहण के समय मौसम में बदलाव के साथ वर्षा व तेज हवा से काम बाधित होता रहाए लेकिन इस बार अनुकूल मौसम से दो साल के संग्रहण का रिकार्ड तोडऩे अवसर साबित हो रहा। कोरबा वन मंडल 38 समितियों में 280 फड़ बनाए गए हैं। यहां 53 हजार 200 मानक बोरा पत्तों के संग्रहण का लक्ष्य है। इसी तरह कटघोरा में 448 फड़ से पत्ता संग्रहण किया जा रहा है।

यहां 78 हजार 500 मानक बोरा पत्तों के संग्रहण का लक्ष्य हैं। बीते वर्ष प्रतिकूल मौसम के कारण दोनों वन मंडलों में पत्तों का संग्रहण बंद कर दिया गया था। खास बात यह है कि हितग्राही जितनी अधिक मात्रा में पत्तों का संग्रहण करते हैं उन्हे बोनस राशि का उतना ही लाभ मिलता है। इस बार ग्राम कोई के पत्ते सर्वाधिक कीमत में बिका है। विमलता, ठाकुरखेता, लेमरू के पत्तों की भी बढ़चढ़ बोली लगी। शासन ने पत्तों का दर 400 रुपये सैकड़ा तय किया है, लेकिन उक्त गांव के पत्ते सरकारी निविदा की बोली में आठ से नौ सौ रुपये में बिकती है। दोनों वन मंडलों में 98 हजार संग्राहक परिवार पत्तों का संग्रहण करते हैं।

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