धवईपुर अहिरन नदी से रेत की हो रही धड़ल्ले से तस्करी


कोरबा 22 अप्रैल। भले ही कहीं और सुशासन की कल्पना कर भी ले जाएं लेकिन कोरबा जिले के मामले में ऐसा असंभव लग रहा है। जिला मुख्यालय के इर्द-गिर्द रेत की तस्करी के मामले पहले से ही जारी हैं। अब कटघोरा क्षेत्र में भी इस प्रकार की तस्वीरें बन गई है। तस्करों ने धवईपुर में अहिरन नदी को इसके लिए चुना है। रात भर रेत तस्करों के वाहनों की आवाजाही से आसपास के लोगों की नींद खराब हो रही है।

खनिज विभाग को पहले से ही पता है कि कोरबा में गेरवा घाट, सीतामणी, कुदुरमाल, दर्री के प्रगतिनागर मैं हसदेव नदी से रेत की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। इस तरह के काम काफी समय से चल रहे हैं। रेत घाट का विधिवत संचालन ना होने का पूरा फायदा तस्करी में जुटे हुए लोग ले रहे हैं। आए दिन इसी बात को लेकर सड़क पर तमाशा हो रहा है और फजीहत भी हो रही है। जानकारी के अनुसार अब कटघोरा के धवईपुर इलाके में अहिरन नदी से रेत की तस्करी धड़ल्ले से की जा रही है। इस काम को मुख्य रूप से बाकी मोगरा और दीपिका के कुख्यात लोग अंजाम देने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रात्रि 10 बजे से यह अवैध काम ट्रैक्टर और हाईवा से शुरू होता है और सुबह 5 बजे तक जारी रहता है। ऐसे में ग्रामीण सड़कें खराब हो रही हैं और वाहनों की निरंतर आवाजाही के कारण गर्मी के सीजन में नींद पर भी खलल पड़ रहा है। लोगों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि प्रशासन से लेकर हर स्तर पर मामले की जानकारी है लेकिन कोई भी नियंत्रण या निगरानी को लेकर तैयार नहीं है। दो तरह के संदेश जा रहे हैं कि या तो रेत तस्करों को अभयदान दे दिया गया है अथवा किसी विशेष कारण से उनके सामने तंत्र असहाय बना हुआ है।

कोरबा इलाके में तो गजब की स्थिति है। अपने अवैध कार्यों को पूरी क्षमता से करने के लिए रेत चोर संगठित रूप से लगे हुए हैं। कामकाज का अंदाज है ऐसा है कि आम जनता तो क्या पुलिस भी इनके आगे कुछ नहीं। पिछले वर्ष कोतवाली पुलिस के द्वारा एक ऐसे ही मामले में कार्रवाई की गई तो कादर खान नामक व्यक्ति ने खुद पर मिट्टी तेल डाल लिया । 4 दिन पहले बुधवारी क्षेत्र में फिर तमाशा हुआ, जब रात्रि में रहते ढोने की खबर पर लोगों ने एक हाईवा को रोक लिया। जानकारी देने पर पुलिस यहां पर पहुंच गए। ढाई घंटे तक जमकर तमाशा होने के बाद आखिरकार यह वाहन छोड़ दिया गया।

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