मोटरसाइकिल रैली निकालकर पंचायत सचिवों ने सौंपा ज्ञापन
कोरबा 12 अप्रैल। प्रदेशभर के पंचायत सचिव अपनी 1 सूत्रीय शासकीयकरण की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। विगत 16 मार्च से उनका आंदोलन जारी है। इसी कड़ी में कोरबा जिले के विभिन्न ब्लाक से जिला मुख्यालय तक बाईक रैली निकालकर तानसेन चौक पहुंच पंचायत सचिवों ने हुंकार भरी। जहां से कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन सौंपा गया।
इस मौके पर प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ जिलाध्यक्ष धरम भारद्वाज ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल अंतर्गत ब्लॉक मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक मोटर साइकिल रैली निकाली गई। छ.ग. प्रदेश पंचायत सचिव संघ के निर्देशानुसार अनिश्चितकालीन हड़ताल के अंतर्गत जनपद पंचायत पाली, कटघोरा, पोड़ी उपरोड़ा, करतला से जिला मुख्यालय तक मोटर साइकिल रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया है कि 29 मार्च, 2022 को इन्डोर स्टेडियम रायपुर में पंचायत सचिव-शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में भूपेश बघेल द्वारा पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने की घोषणा की गयी है। पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने से शासन/प्रशासन को वार्षिक वित्तीय भार लगभग 75 करोड आयेगा, जो कि नहीं के बराबर है। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर पर कार्यरत कर्मचारी शासकीय सेवक है। किन्तु पंचायतीराज की बुनियाद आधार स्तम्भ कहे जाने वाले ग्राम पंचायत में कार्यरत कर्मचारी पंचायत सचिव शासकीय सेवक नहीं है। पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए, राज्य शासन एवं केन्द्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का अति महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देते हैं। उन्होंंने कहा कि ग्राम पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से पंचायत अंतर्गत होने वाले सभी प्रकार के कार्य बंद हो गए है। इसमें गोबर खरीदी कार्य, जन्म मृत्यु पंजीयन, पेंशन भुगतान, राशन कार्ड, निर्माण कार्य एवं अनेक हितग्राही मूलक कार्य बंद हो गए है।
पंचायत सचिवों का कहना है कि दो साल की परीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण करने की बात कही गई थी। अन्य कर्मचारियों को जो लाभ मिल रहे हैं पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति, ग्रेच्युटी वह सब उन्हें भी मिलना चाहिए। ज्ञापन सौंपने के दौरान जिले भर के पंचायत सचिव मौजूद रहे।