सुईआरा, पीडिया व तुर्रीकटरा में हाथियों ने मचाया उत्पात

धान की फसल रौंदी, खरही को भी पहुंचाया नुकसान

कोरबा 28 नवम्बर। पड़ोसी रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमंडल से अचानक धमके 49 हाथियों के दल ने बीती रात कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में भारी उत्पात मचाया है। इस दौरान हाथियों ने रेंज के सुईआरा, पीडिया व तुर्रीकटरा गांव में पहुंचकर वहां खेतों में तैयार धान की फसल को रौंद दिया। वहीं कुछ ग्रामीणों के खलिहान में रखे धान की फसल को चट करने के साथ ही नुकसान पहुंचाया। बड़ी संख्या में हाथियों के पहुंचने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गया है।


वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार हाथियों का दल अभी तुर्रीकटरा व पीडिया के बीच जंगल में विश्राम कर रहा है। आसपास के गांवों में मुनादी कराने के साथ ही अमला नुकसानी के आंकलन में भी जुटा हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक हाथियों के ताजा उत्पात में लाखों रुपए का नुकसान ग्रामीणों को उठाना पड़ा है। पीडितों को नुकसानी के आंकलने पश्चात् क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी। हाथियों का यह दल रात 12 बजे के लगभग धरमजयगढ़ वनमंडल से कुदमुरा व बड़मार के रास्ते करतला रेंज में प्रवेश किया। पहले हाथियों का दल जंगल ही जंगल विचरण कर रहा था लेकिन बाद में यह दल सुईआरा गांव के निकट पहुंचा और वहां खलिहान में रखे धान की खरही को खाने तथा नुकसान पहुंचाने के पश्चात् पीडिया में धान की खड़ी फसल को रौंद दिया। हाथियों का उत्पात इतने में ही नहीं थमा बल्कि तुर्रीकटरा के पास वहां भी धान की खरही को खाने तथा नुकसान पहुंचाने के बाद जंगल में जाकर विश्राम करने लगा। बड़ी संख्या में हाथियों के क्षेत्र में आने तथा उत्पात मचाए जाने की सूचना आज सुबह ग्रामीणों द्वारा दी गई जिस पर वन विभाग का अमला तत्काल मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी करने के साथ ही नुकसानी के आंकलन में भी जुट गया है। आसपास के गांव में अमला द्वारा मुनादी कराई जा रही है जहां बड़ी संख्या में हाथियों के एकाएक आने से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं वहीं कुदमुरा रेंज में भी एक दर्जन हाथियों की सक्रियता बनी हुई है। हाथियों के इस दल में 10 हाथी गुरमा तथा दो हाथी गीतकुआंरी में विचरण कर रहे हैं। हालांकि हाथियों ने यहां कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है फिर भी इसकी संभावना बनी हुई है। इसे देखते हुए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है। हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही है।

उधर कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हाथियों के दल ने कोडगार गांव में उत्पात मचाते हुए फसल को नुकसान पहुंचाया है। कोटगार गांव जिले के बार्डर में स्थित है। यहां भी 50 की हाथी सक्रिय है जो कि कोरबा व कोरिया जिले के बार्डर में पिछले तीन-चार दिनों से डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों का यह दल कभी कोरबा जिले के जंगल व गांव में पहुंच जा रहा है तो कभी कोरिया जिले में पहुंचकर वहां स्थित गांव में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बार्डर में मौजूद हाथियों की निगरानी दोनों जिले के वन अमले द्वारा की जा रही है। अमले की यह कोशिश है कि हाथियों का यह दल उनके क्षेत्र में पहुंचकर कोई बड़ा नुकसान न पहुंचाने पाए। ग्रामीण इलाकों में रात-रात भर अपने जान को जोखिम में डालकर बच्चे, महिला एवं पुरुषों के द्वारा आग जला कर अपनी जिंदगी व फसल की रक्षा के लिये जद्दोजहद की जा रही है। अपने आप को सरकारी भवनों में पूरी रात कडकड़ाती ठंड में कि हाथी ना आ जाए, इस दहशत से ग्रामीण शाम को ही भोजन कर सुरक्षित स्थानों के लिए निकल पड़ते हैं। पिछले दो सप्ताह से कोरबा के पड़ोसी जिले कोरिया एवं जीपीएम के सीमावर्ती क्षेत्र कोटगार, बेलकामार गांव में ग्रामीणों का हाथियों ने जीना हराम कर दिया है। इस इलाके से निकलकर यह वीडियो सामने आया है जिसमें साफ दिखाई और सुनाई दे रहा है कि लोग हाथियों को खदेडने के लिए आग से दागने की बात कर शोर मचा रहे हैं। अपने घर व खेत-खलिहान में आग जला कर एवं हाथी को आग से दाग कर भगाने की बात कर रहे हैं।

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