खनिज संसाधनों के दोहन मामले में 49.51 लाख की पेनाल्टी कर दिखाई सख्ती

कोरबा 28 नवम्बर। प्राकृतिक और खनिज संपदा के मामले में छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला काफी समृद्ध है जहां पर व्यापक मात्रा में इन खनिज तत्वों की उपलब्धता मौजूद है। खनिज विभाग को वैध प्रक्रिया से कोयला और अन्य खनिज संसाधनों के दोहन के मामले में 2000 करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हो रहा है। जबकि गौण खनिज के मामले में कुछ इलाकों में अनियमितता की शिकायतें हैं। वित्त वर्ष 2024- 2025 की शुरुआत अगले 7 महीना में विभाग ने अवैध दोहन, परिवहन और भंडारण से संबंधित मामलों में 49 लाख 51 हजार 409 रुपए की पेनल्टी की है।

1 अप्रैल 2024 से अक्टूबर तक खनिज विभाग के द्वारा कोरबा जिले के अलग-अलग क्षेत्र में इस तरह के 215 प्रकरण बनाए गए और इनमें सरकार की गाइडलाइन के अंतर्गत संबंधित लोगों पर पेनल्टी की गई। खनिज विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस अवधि में अवैध रेत दोहन के 10 प्रकरण बनाए गए। इनमें 5 लाख 22 343 रुपए की पेनल्टी की गई। विभाग की जानकारी में लगातार यह बात आई कि अलग-अलग क्षेत्र में अवैध तरीके से रेत का परिवहन किया जा रहा है। इसके लिए ट्रैक्टर हाईवा और अन्य वाहन का उपयोग किया गया। विभाग ने ऐसे 200 प्रकरण तैयार किया और इन पर 33 लाख 81 हजार 275 रुपए का अर्थ दंड आरोपित किया। खनिज अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि अप्रैल से अक्टूबर तक अवैध रेत भंडारण के पांच मामले बनाए गए। चोरी चकारी के काम में जुड़े लोगों के द्वारा अलग-अलग स्थान पर नदी नालों से निकल गई रेत को डंप किया गया था। इसके माध्यम से मोटी कमाई करने की तैयारी थी। विभाग ने इन प्रकरणों में संबंधित तत्वों पर 10 लाख 47 हजार 861 रुपए की पेनल्टी की है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि यह चरणबद्ध कार्यवाही का हिस्सा है और नियमित रूप से मॉनिटरिंग के साथ इस तरह के प्रकरणों में हमारी टीम कार्रवाई करती है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा ताकि गौण खनिज के दुरुपयोग को रोका जा सके और इस प्रकार के कार्यों में लगे हुए लोगों की मानसिकता को हतोत्साहित किया जा सके।

एक तरफ जिले में अवैध खनिज परिवहन और भंडारण को लेकर सरकारी तंत्र कार्रवाई कर रहा है लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस कड़ी में शामिल अधिकांश वाहन में नंबर प्लेट ही नहीं है। ट्रैक्टर से लेकर हाईवा तक बिना किसी नंबर के ही सडकों पर दौड़ रहे हैं और रेत का परिवहन करने में व्यस्त हैं। सुबह से रात तक इस प्रकार की गतिविधियां यहां वहां बड़ी आसानी से नजर आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा बोगस काम के लिए रेट तस्करों ने हसदेव नदी के कई हिस्सों को सबसे सुरक्षित स्थान चुन रखा है और वह इसके माध्यम से अपने काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं। सर्वमंगला नगर में हसदेव व अहिरान नदी से रेत चोरों की हरकतों ने एक प्रकार से प्रशासन को चुनौती दे रखी है। इस प्रकार के तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होने से सवाल खड़े हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्र में इस प्रकार की हरकतों में शामिल चेहरों ने अपनी इमेज ब्रांडिंग को लेकर अच्छा तरीका चुन लिया है। सरकार बदलने के साथ उनकी प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। मंत्रियों के आने के दौरान स्वागत में लगने वाले पोस्टर वे तैयार करवाने के साथ अपने फोटो भी उसमें अटैच कर देते हैं और यह संदेश देने का काम करते हैं कि उनकी भूमिका पार्टी स्तर पर काफी महत्वपूर्ण है। कई अवसर पर इस तरह की चीज सामने आ चुके हैं। इस चक्कर में कुछ नेताओं ने ऐसे लोगों से दूरी बनाई है लेकिन सदस्यता अभियान के चक्कर में कई जगह पर गड़बडियां हो रही हैं और इसी का दुरुपयोग रेत चोरी के काम में लगे हुए लोग कर रहे हैं।

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