रोजगार नहीं मिलने से नाराज लोगों का खदान में धरना

कोरबा 11 अप्रैल। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुसमुंडा माइंस से जुड़ी समस्याएं अब तक नहीं सुलझ सकी है। दो दशक पहले ली गई जमीन और नामांकन के बाद भी विस्थापित लोगों को नौकरी नहीं मिल सकी। पाली पड़निया के लोगों ने इस मसले को लेकर आज कुसमुंडा माइंस के बरकुटा फेस पर धरना शुरू कर दिया। उन्होंने अनिश्चितकालीन प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसे लेकर प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है।

इससे पहले पाली के लोगों को खमरिया में पुनर्वास देने के लिए प्रबंधन की ओर से 5 दिन पहले मौके पर मंत्रणा और अन्य औपचारिकताएं की गई। समझा गया था कि इसके साथ समस्याएं निराकृत हो जाएंगी और आगे काम आसान होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इन सबके बीच मंगलवार को पाली पड़निया के ग्रामीणों ने रोजगार के मसले को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कुसमुंडा माइंस में धरना शुरू करने के साथ मुश्किलें बढ़ा दी। सरपंच वचन कुंवर और ग्रामीणों के द्वारा इससे पहले प्रबंधन और पुलिस को अल्टीमेटम दिया गया। बताया गया कि गांव के लोगों के द्वारा माइंस के बरकुटा फेस उपस्थिति दर्ज कराने के साथ प्रदर्शन किया जा रहा है। इन कारणों से यहां कोयला खनन जैसी गतिविधियां बाधित हो गई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल के द्वारा लगभग दो दशक पहले उनकी जमीन अर्जित की गई थी। वर्ष 2008 में रोजगार देने के लिए गांव के 33 लोगों का नामांकन भरवाया गया था। 15 वर्ष बीतने के बाद भी इन लोगों को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कंपनी में रोजगार देने की व्यवस्था नहीं की गई और ना ही इस दिशा में मानसिकता बनाई गई। के चलते लंबे समय से प्रभावित लोग काफी परेशान हैं। इसलिए उन्होंने मौके से हटने और कहीं और जाने के लिए साफ इनकार कर दिया है।

मामले की जानकारी मिलने पर कंपनी के स्थानीय प्रबंधन के अधिकारी और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। ग्रामीण इसी बात पर अड़े हुए हैं कि सबसे पहले उनकी सभी समस्याओं को हल किया जाए और फिर आगे की बात की जाए। इस बारे में किसी भी प्रकार के निर्णय नहीं आने तक कोई बात नहीं की जाएगी। ग्रामीण जनों के विद्रोही तेवर देखते हुए एसईसीएल की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि लोगों ने प्रदर्शन को अनिश्चितकाल तक करने की घोषणा की है और अगर ऐसा होता है तो समस्याएं विकराल हो जाएंगी।

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