पीने के पानी की मांग: खदान के मुहाने पर ढपढप व कसरेंगा के ग्रामीणों ने 3 घंटे दिया धरना, कर्मियों को काम पर जाने से रोका
कोरबा 24 मार्च। एसईसीएल ढेलवाडीह खदान के मुहाने पर गुरुवार सुबह 6 बजे से ढपढप व कसरेंगा के ग्रामीणों ने करीब 3 घंटे तक प्रदर्शन कर दोनों गांवों में पीने के पानी की व्याप्त समस्या के निराकरण की मांग की। पहली शिफ्ट की ड्यूटी पर पहुंचे कर्मचारियों को भी रोक दिया। इसकी जानकारी एसईसीएल उपक्षेत्रीय कार्यालय ढेलवाडीह के अफसरों को होने पर मौके पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी। उसके बाद काम पर पहुुंचे कर्मचारी माइंस के भीतर कार्यस्थल तक पहुंचे। इधर करीब 3 घंटे तक खदान के बाहर ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी रहा। कंपनी के दफ्तर में हुई चर्चा के बाद मांगों को पूरी करने सकारात्मक कदम उठाए जाने के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त हुआ। विभिन्न मांगों को लेकर किए गए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दोनों गांवों की महिलाएं भी शामिल हुईं।
ढपढप व कसरेंगा के ग्रामीणों की प्रमुख मांगें:-पाइप लाइन से घरों में पेयजल की आपूर्ति की जाए। खदान से निकाली जा रही पानी से गांवों के तालाबों को भरा जाए। बिगड़े बोर पंपों का सुधार कार्य कराया जाए। ब्लास्टिंग से ग्रामीणों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि दी जाए। सीसी रोड सड़क का निर्माण कराया जाए।
बताया गया कि दफ्तर में हुई बैठक में चर्चा के दौरान एसईसीएल अफसरों ने दोनों ही गांव में टैंकर से पानी सप्लाई की बात कही तो महिलाओं ने रोजाना समय पर नहीं पहुंचना बताया। प्रभावितों ने कहा कि पहले इसकी कवायद की गई थी। समय पर टैंकर नहीं पहुंचा फिर बाद में टैंकर से पानी आपूर्ति भी बंद हो गई। ऐसे में पाइप के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति की मांग जोर-शोर से रखी।
आश्वासन पर कटघोरा एसडीएम कार्यालय के घेराव आंदोलन स्थगित होने के दो दिन बाद एसईसीएल बलगी खदान से प्रभावित सुराकछार बस्ती के भू.धंसान प्रभावितों की उक्त हल्का नंबर के पटवारी ने जानकारी जुटाई। तीन साल से प्रबंधन की ओर से प्रभावितों को क्षतिपूर्ति राशि नहीं मिलने से घेराव की चेतावनी दी थी। बलगी खदान में डिपिलरिंग के दौरान साल 2009 में भू-धंसान की घटना सामने आई थी। इस वजह से खेती-किसानी का कार्य नहीं कर पा रहे किसानों को एसईसीएल प्रबंधन हर साल क्षतिपूर्ति राशि दे रही है।