11 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएमडी को सौंपा ज्ञापन, 25 को गेवरा से आंदोलन की शुरुआत
कोरबा 20 मार्च। कोरबा जिलान्तर्गत एसईसीएल के भू-विस्थापितों की समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति ने सीएमडी कार्यालय पहुंचकर आंदोलन की चेतावनी दी है। 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 5 चरण में आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई है। इसके तहत जिले की खदानों को बारी.बारी बंद कर आंदोलन किया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप सहित अन्य प्रतिनिधियों ने बिलासपुर मुख्यालय पहुंचकर मांग पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि 25 मार्च को एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में सम्पूर्ण खदान बंद किया जाएगा। आगामी 5 अप्रैल को दीपका, 16 अप्रैल को कुसमुंडा, 25 अप्रैल को कोरबा क्षेत्र में सम्पूर्ण खदान बंद किया जाएगा। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई तो 5 मई को रेल और सड़क जाम किया जाएगा। उनका कहना है कि पूर्व में अनेक बार बैठकों में लिए गए निर्णय और आश्वासन, जिला प्रशासन के दिशा निर्देशों को पालन नहीं किया गया है। इसके कारण कोरबा जिले में एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा क्षेत्र के भू-विस्थापित परिवार अपने अधिकार को पाने के लिए भटक रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाना शामिल है। इसके अलावा उनका कहना है कि एक खाता एक रोजगार नियम के विरुद्ध अलग-अलग खाता का संयोजन, रोजगार से वंचितों को रोजगार प्रदान किया जाए। एसईसीएल में लागू कोल इंडिया पॉलिसी 2012 को वापस लिया जाए। हर खाते में स्थायी रोजगार और नौकरी प्रदान की जाए।
वर्ष 2010 से इस पॉलिसी को अमल में लाने का फैसला लिया गया था। उसके पहले वर्ष 2004-2009 के अर्जन के मामलो में सभी मूल खातेदार एवं पैतृक बंटवारे से सहखातेदार को रोजगार दिया जाए। भू-विस्थापित परिवारों के शेष बेरोजगार युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार की 100 फीसदी व्यवस्था किया जाए। बसाहट के लिए 10 डिसमिल भूमि, बसाहट की एवज में 25 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाए। रलिया, भिलाईबाजार, हरदीबाजार सहित अन्य सभी ग्रामों में हुए आंशिक अधिग्रहण को रद्द किया जाए। गांव का सम्पूर्ण अर्जन किया जाना शामिल है। वर्तमान में दीपका कुसमुंडा गेवरा में लागू बसाहट के एवज में राशि, भू-विस्थापितो को टेंडर इत्यादि सुविधाओं को कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सरईपाली परियोजना में भी प्रदान किया जाए। गेवरा क्षेत्र अंतर्गत नई रेल परियोजना से प्रभावित परिवारों की परिसम्पतियों का मुआवजा तत्काल भुगतान सहित अन्य मांग शामिल है।