ईशिका शर्मा हत्याकांड, पुलिस जांच पर उठ रहा सवाल
जांजगीर 17 फरवरी। जिले में रविवार को हुई एंकर ईशिका शर्मा हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। घर में काम करने वाला लड़का ही मुख्य आरोपी निकला है जिसने अपने साथी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपी से मोबाइल, स्कूटी और जेवर जब्त किया है।
ईशिका शर्मा के पिता गोपाल शर्मा ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए पुलिस द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ हत्यारे के बयान को ही तवज्जो दिए जाने पर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है उनका आगे कहना था कि हत्यारे के कहने भर से कि उसने मृतिका को महंगे मोबाइल और महंगे गिफ्ट उपहार दिए थे उसे श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान देते हुए हाईलाइट करना किस तरफ इशारा कर रहा है यह समझ से परे की बात है। पुलिस ने जरा भी जहमत उठाई होती और जांच की होती तो पता चल जाता कि हत्यारे के पास खाने का भी जुगाड़ नहीं था, गोपाल शर्मा ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए विस्तृत रूप से सभी जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने प्रेसवार्ता कर हत्याकांड का खुलासा किया है। हत्याकांड के आरोपियों तक पहुंचने के लिए चार टीमों का गठन किया था। पोस्टमार्टम से पहले ही अपराध होना प्रतीत हो रहा था। पुलिस को घर में रहने वाले लड़के रोहन पांडू पर पहले से ही शक था। घटना के दिन सुबह से वह सक्ती, खरसिया और रायगढ़ गया जहां उसने अपना हुलिया बदला, कपड़ा चेंज करने के बाद हसौद, बिर्रा होते हुए तिल्दा से कवर्धा पहुंचा था। गांव के साथियों के साथ मिलकर मुंगेली आ रहा था, जहां से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुख्य आरोपी रोहन पांडू ने राजेन्द्र सूर्या के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था। आरोपी के पास से मोबाइल, स्कूटी और जेवर जब्त किया गया हैं। आरोपी का उसके घर आना-जाना था। एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि घटना को पहले से प्लान किया गया था। साजिशन नींद की दवा खरीदी थी, जिसे पीस कर पाउडर बनाकर खाना में मिलाने के बाद युवती और उसके भाई को खिलाया गया, जिसके बाद रात 10 बजे राजेंद्र सूर्या आया था। आरोपी रोहन पांडू ने 200 रुपए देकर राजेंद्र को बुलाया था। दोनों ने मिलकर शराब पी और फिर घर पहुंचकर खाना खाया। क्या ऐसा नहीं हो सकता आरोपी ईशिका द्वारा पहने गए जेवर लूट रहे थे, उसी वक्त इशिका की नींद खुल गई और लूट का पुरजोर विरोध करने लगी। दोनों ने ईशिका शर्मा के साथ मारपीट की और दोनों ने मिलकर उसकी जघन्य हत्या कर दी। एक आरोपी ने पैर पकड़ा और दूसरे ने गला और मुँह दबा कर हत्या कर दी।
पुलिस जांच पर एक सवाल यह भी उठ रहा है। जब बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के नींद की गोली उपलब्ध नहीं होती है तो हत्यारे के पास नींद की गोली आई कहां से किस दुकान से खरीदी गई। क्या उस दुकानदार से पूछताछ की गई। क्या मेडिकल दुकानदार भी साजिश में है। शामिल यह एक गंभीर जांच का विषय है जिसे पुलिस द्वारा तत्काल ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है।
अकेलेपन का फायदा उठाकर वारदात को दिया अंजाम
ईशिका शर्मा जो एलएलबी फाइनल ईयर की छात्रा है एवं पत्रकारिता करने के साथ ही न्यूज़ चैनल में एंकरिंग भी करती थी। घटना दिनांक को ईशिका शर्मा के माता पिता कोरबा गए हुए थे। इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों से लुट का सामान व स्कूटी बरामद कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध 302, 397 के तहत मामला दर्ज किया है।
हत्यारे का लोगों की सहानुभूति हासिल करने का कुत्सित प्रयास, जाने अनजाने पुलिस भी दे रही साथ?
कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी- डर, जिसमें फिल्म का विलेन बहुत ही खौफनाक तरीके से हीरोइन को परेशान करता है। इसी फिल्म के एक सीन में यही विलन हीरो के कंधे पर सर रखकर इमोशनल तरीके से बोलता है कि मैंने प्रेम किया है। मैं हीरोइन से बहुत प्यार करता हूं। दिल के हाथों बेबस हूं। और इसी एक सीन की वजह से विलन दर्शकों की सारी सहानुभूति और समर्थन ले जाता है और दर्शकों की नजरों में हीरो से भी बड़ा हो जाता है।
ईशिका शर्मा की हत्या में भी कुछ ऐसा ही मामला नजर आ रहा है। जिसमें हत्यारे द्वारा अपने द्वारा किए गए जघन्य हत्याकांड को जस्टिफाई करने का प्रयास किया जा रहा है परंतु पुलिस द्वारा भी इसे इतना ज्यादा हाईलाइट किया जाना। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एसपी द्वारा भी बार- बार प्रेम प्रसंग का मामला बताया जाना किस तरफ इशारा कर रहा है। यह समझ से परे की बात है। ईशिका शर्मा की हत्या का मामला साफ तौर पर लूटपाट और हत्या का मामला है। सिर्फ हत्यारे के द्वारा भावनात्मक समर्थन हासिल करने के लिए इसे प्रेम प्रसंग का रूप दिया जा रहा है।
हत्यारा कलेक्ट्रेट चौक के पास होटल चहल-पहल में वेटर का काम करता था जिसे गोपाल शर्मा ने अपने नौकर के रूप में रखा था । क्या पुलिस ने इसकी जांच की कि उसने महंगे मोबाइल और महंगे गिफ्ट मृतिका को दिए हैं। सिर्फ हत्यारे के कहने भर से पुलिस द्वारा यह बयान जारी करना मृतिका के साथ सरासर नाइंसाफी है। संपूर्ण हत्याकांड की विस्तृत जांच किसी सक्षम एजेंसी द्वारा किया जाना अति आवश्यक है।
अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन किया है कि इशिका शर्मा भी एक पत्रकार थी जिसकी हत्या कर दी गई अपराधी पुलिस के पकड़ मे आ गये है। अपराधियो पर कड़ी कार्यवाही के साथ उच्च स्तरीय जाँच की जाये कि इसके पीछे किसका हाथ है एवं परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद करने की कृपा करे।