नया ट्रांसपोर्ट नगर: बैक फुट में कांग्रेस नेता, अब राजस्व रिकार्ड सुधरवाने का दे रहे सलाह

सड़क किनारे कहाँ से आ गयी सैकड़ों एकड़ जमीन? क्या जांच कराएंगे राज्य शासन या कोरबा जिला प्रशासन?

कोरबा 18 दिसंबर। शहर का नया ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की ओर से किए गए पलटवार के बाद कांग्रेस नेता बैकफुट पर आ गए हैं और अब भाजपा नेताओं को राजस्व रिकॉर्ड सुधरवाने का सुझाव दे रहे हैं।

जिला कांग्रेस कमेटी ( ग्रामीण ) के अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष गोपाल मोदी ने प्रस्तावित परिवहन नगर पर जारी मेरे बयान को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए उनके स्व. माता एवं पिता का नाम दिये जाने पर आपत्ति की है। इस संदर्भ में गोपाल मोदी वर्तमान राजस्व ऑनलाइन रिकार्ड निकाल लेवें जिन खसरा नंबरों पर, जिन भू-स्वामियों का नाम दर्ज है मैने उन्ही खसरा नंबरों का उल्लेख किया है। साथ ही यह भी लिखा है कि प्रस्ताव के पूर्व उक्त सहित सैकड़ों विभिन्न नागरिकों के नाम पर जमीन दर्ज है तथा जिन कांग्रेसियों के नामों का उल्लेख भाजपा ने किया, उन्होने प्रस्ताव के बाद जमीन खरीदी है जो प्रस्तावित स्थल से दूरी पर है। मैने किसी भी दुर्भावना या व्यक्तिगत रूप से किसी पर आरोप प्रत्यारोप नही लगाया है। मैने स्पष्ट रूप से कहा है कि भाजपा शासनकाल में नवीन ट्रांसपोर्ट नगर चयन एवं मास्टर प्लान के लिए आयोजित बैठक भाजपा सांसद स्व. बंशीलाल महतो, कटघोरा विधायक एवं तत्कालीन संसदीय सचिव एवं वर्तमान में भाजपा प्रादेशिक उपाध्यक्ष लखनलाल देवांगन, भाजपा के तत्कालीक जिला अध्यक्ष चावलानी, पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में बरबसपुर में परिवहन नगर बनाये जाने का प्रस्ताव किया गया था।

उन्होंने अपने बयान में कहा है कि मै प्रेस वार्ता में उपस्थित पूर्व संसदीय सचिव एवं वर्तमान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष लखन देवांगन को साधुवाद दूंगा कि उन्होने पूर्व बैठक में लिए गये निर्णय की पुष्टी एवं बरबसपुर में नया परिवहन नगर बनाये जाने पर बल दिया है। किसी जनप्रतिनिधी को जनता को हो रही परेशानियों से निजात दिलाना होता है। सरकार बदलती रहती है योजनाओं को कभी भी रोका नही जाता है। यही सच्ची राजनिति है। मुझे ज्ञात हुआ है कि पूर्व महापौर जोगेश लाम्बा को अत्याधिक पीड़ा है क्योंकि नया परिवहन नगर बनने पर शायद उन्हे वर्तमान परिवहन नगर से अपना ऑफिस, टायर दुकान तथा कोल ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को बरबसपुर ले जाना पड़ेगा। अपनी व्यक्तिगत हानि लाभ की जगह उन्हे आम जनता को हो रही पीड़ा पर ध्यान देना चाहिए और जनभावनाओं के अनुरूप शीघ्र भाजपा शासनकाल में लिए गये निर्णय पर अमल करने के लिए पूरजोर समर्थन किया जाना चाहिए। मेरा गोपाल मोदी जी को सलाह है कि वर्तमान में ऑनलाइन जो राजस्व प्रविष्टियां है उन्हे वे सुधरवा लेवें। मैने किसी भी दुर्भावना से ग्रसित होकर किसी का भी नाम नही लिखा है। साथ ही मैने तो आम नागरिकों, विशेषकर परिवहन एवं ठेका व्यवसाय से जुड़े व्यवसाय के व्यावसायिसों से आग्रह किया है कि वर्तमान में प्रस्तावित परिवहन नगर के आसपास जरूर जमीन लेवें। जिससे आगामी कई दशकों तक पुनः परिवहन नगर बनाने की आवश्यकता ही नही पड़े।

बहरहाल कांग्रेस और भाजपा के इस बार पलटवार के बीच पब्लिक सब कुछ समझ रही है। उसे मालूम है कि हरदीबाजार कनकी तरदा मार्ग की योजना बनने के बाद जिस तरह एक कांग्रेस नेता मुआवजा मुआवजा खेलने का प्रयास कर रहे थे, नया ट्रांसपोर्ट नगर में भी वैसा ही खेल करने का प्रयास किया जा रहा है।

आपको बता दें कि न्यूज़ एक्शन ने 1 वर्ष पहले ही प्रस्तावित नया ट्रांसपोर्ट नगर बरबसपुर में मसाहती गांव की आड़ में 100 एकड़ से अधिक जमीनों के उठापटक की खबर का प्रकाशन किया था। इसके बाद थोड़े समय के लिए शहर में हलचल मच गई थी। परंतु प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण सब कुछ सामान्य नजर आने लगा था। अभी भी प्रशासन के स्तर पर नया ट्रांसपोर्ट नगर बरबसपुर की जगह झगरहा गांव में स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है और ट्रांसपोर्ट नगर के लिए प्रस्तावित क्षेत्र में निजी व्यक्तियों के पास इतनी अधिक जमीन कहां से और किस तरह आई है किस बात की जांच पड़ताल का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जबकि कोरबा और बरबसपुर के आसपास के गांव के निवासी साफ शब्दों में बताते हैं कि बरबसपुर से बालको नगर तक बाईपास रोड के दोनों दिशाओं में वन विभाग और राजस्व विभाग की सैकड़ों एकड़ जमीन रही हैं निजी जमीन उंगलियों में गिने जाने जितनी संख्या में ही सड़क के दोनों ओर थी। ऐसी स्थिति में सड़क के किनारे किनारे बरबसपुर से बालको नगर तक निजी जमीन कहां से आ गई है इस बात की गहराई के साथ जांच पड़ताल किया जाना आवश्यक हो गया है। देखना होगा कि राज्य शासन और जिला प्रशासन ऐसी किसी कार्रवाई का साहस जुटा पाता है अथवा नहीं?

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