पंडोपारा लालपुर में हाथियों ने मचाया उत्पात: 44 हाथियों के गांव में घुसने से ग्रामीणों ने भागकर बचाई जान
कोरबा 13 नवंबर। वन मंडल कटघोरा के केंदई रेंज में घूम रहा 44 हाथियों का झुंड शुक्रवार रात लालपुर के पंडोपारा बस्ती में घुस गया। हाथियों की चिंघाड़ सुनकर ग्रामीण घर से बाहर निकले और भागकर अपनी जान बचाई। हाथियों ने एक मकान को तोड़ दिया। साथ ही घर के बाहर खूंटे में बंधे 4 मवेशियों को कुचलकर मार डाला। इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। लगातार घटनाओं को देखते हुए वन मंडल कार्यालय का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं।
पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के घुंचापुर पंचायत के आश्रित गांव लालपुर में पंडोपारा बस्ती है। यहां 15 परिवार निवास करते हैं। हाथियों का झुंड 4 दिनों से गांव के आसपास ही घूम रहा है। शुक्रवार को अंधेरा होने के बाद ग्रामीण अपने घरों में आराम कर रहे थे। इसी दौरान हाथियों की चिंघाड़ सुनकर सब घरों से बाहर निकल आए और जान बचाने भाग खड़े हुए। हाथियों ने मनहरण सिंह के मकान को तोड़ दिया। पास के घर के बाहर खूंटे पर बंधे 4 मवेशियों को कुचलकर मार डाला। जिस समय घटना हुई, उस समय वन अमला लालपुर के मुख्य मार्ग में था। काफी देर बाद वन अमला पहुंचा, लेकिन हाथी जंगल की ओर जा चुके थे। इतनी बड़ी घटना के बाद भी वन विभाग का कोई भी अफसर नहीं पहुंचा। रेंजर अभिषेक दुबे का कहना है कि हाथी और भी मकानों को तोड़ चुके हैं। धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाया है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य राय सिंह मरकाम का कहना है कि हाथी उत्पात कम करने में वन विभाग नाकाम रहा है। क्षेत्र के लिए डीएफओए एसडीओ स्तर के जानकार अफसरों की पदस्थापना होनी चाहिए। सूरजपुर वन मंडल से पहुंचे 10 हाथियों के झुंड ने 7 किसानों की फसल को चौपट कर दिया। हाथी अभी भी बोटोपाल में घूम रहे हैं। यहां अब हाथियों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों को खदेडऩे के लिए कोई इंतजाम नहीं है। हाथियों का दो झुंड होने से वन अमला भी परेशान है।
पसान रेंज के बनिया में पिछले महीने धान की फसल को नुकसान पहुंचाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने हाथी के बच्चे को मारकर खेत में दफना दिया था। इसके बाद हाथी और आक्रमक हो गए हैं। धान की फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मवेशियों को भी मार रहे हैं। केंदई रेंजर अभिषेक दुबे का कहना है कि मैं अभी ड्यूटी पर ही जशपुर आया हूं। लालपुर में तीन चार मकानों को हाथियों ने तोड़ा है। मवेशियों को भी मारा है। धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। वन अमला लगातार ग्रामीणों को सतर्क कर रहा है। जो भी नुकसान हुआ है, उसका आंकलन कर मुआवजा का भुगतान किया जाएगा।