हसदेव नदी रेतघाट : रात के वक्त हो रही रेत की चोरी, रोक लगाने की फुर्सत खनिज विभाग को नही


कोरबा 10 अक्टूबर। कोरबा शहर से लगे सीतामणी स्थित मोतीसागर पारा हसदेव नदी के रेतघाट में रात के वक्त चोरी जमकर हो रही है। कोतवाली थाना से लगभग 1 किलोमीटर दूर रेतघाट से हो रही बेखौफ चोरी थमने का नाम नहीं ले रही बल्कि एक-दो दिन छोड़कर सप्ताह के पूरे दिन रेत खनिज का अवैध खनन व परिवहन किया जा रहा है।

भिलाईखुर्द में भी एनीकट के निकट से रेत खोदी जा रही है। अवैध खनन और परिवहन की जा रही रेत से भरे ट्रैक्टर थाना व चौकियों के सामने से धड़धड़ाते हुए गुजर जाते हैं लेकिन रात के अंधेरे में आखिर कौन सा भंडारण इन्हें परिवहन और रायल्टी प्रदान करता है, किस निर्माण स्थल के लिए चोरी की रेत ले जाई जाती है, उस पर रोक लगाने की फुर्सत जिम्मेदार लोगों को नहीं है। वर्तमान में जबकि 15 अक्टूबर तक के लिए एनजीटी के निर्देशानुसार पर्यावरणीय कारणों से रेत के खनन पर पूर्ण रूप से पाबंदी कायम है, फिर भी चोरों के लिए दरबार खुला छोड़ दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक रात 12 बजे से तड़के 5 बजे के मध्य रात के अंधेरे में चोरी का खेल सांठ.गांठ से खेला जा रहा है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सख्त हिदायत को नजरअंदाज कर आखिर किसका संरक्षण इन रेत के चोरों को प्राप्त है, यह जांच का विषय भी है। सूत्र बताते हैं कि प्रति ट्रैक्टर 3 हजार रुपए की अवैध वसूली के एवज में घाट खुले छोड़े गए हैं। बता दें कि पिछले महीनों में मुख्यमंत्री जो कि खनिज विभाग मंत्रालय भी अपने पास रखे हुए हैं, उनके द्वारा कोरबा खनिज विभाग के अधिकारी से लेकर ड्राईवर व सिपाही तक बदल दिए गए। आमूलचूल परिवर्तन के बाद भी नए अधिकारियों व कर्मियों से कार्यवाही की उम्मीद करना बेईमानी साबित हो रहा है। सूचनाओं के बाद भी शहर से लगे क्षेत्र में कार्यवाही जहां नगण्य है वहीं अमले के पहुंचने तक मुखबिर की सूचना चोरों तक पहुंच जाती है और वे यहां से दफा हो जाते हैं। बड़ी चालाकी से रेत की चोरी जारी है लेकिन पहरेदारों के पास इन्हें पकडऩे की न तो फुर्सत है और न ही जहमत उठाते हैं। शहर के भीतर से ही नहीं बल्कि उपनगरीय क्षेत्रों में भी थाना.चौकी की नाक के नीचे से गीली रेत धड़धड़ाते हुए परिवहन की जा रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूर्व में सख्त हिदायत दी जा चुकी है कि चोरी की रेत अथवा अन्य खनिजों का उपयोग किसी भी निर्माण कार्य में न किया जाएए रेत व अन्य खनिजों की चोरी रोकने की जिम्मेदारी जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की है। बावजूद इसके कोरबा शहर से लगे घाट से रेत की चोरी होना मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों का चालाकीपूर्ण उल्लंघन है। यह बड़ा ही रहस्यमय है कि कुछ महीना पहले तक एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सीधे रात-रात को सड़क पर उतरकर रेत पकड़ा करते थे लेकिन एकाएक ऐसा क्या हुआ कि कोरबा में सीएम के निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही है। सिंडीकेट बनाकर रेत की चोरी करने वालों पर शिकंजा नहीं कसा जाना एनजीटी के निर्देशों का भी उल्लंघन है।

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