यूनियनों की सदस्यता को लेकर प्रक्रियाएं जारी है, निर्णय एक हफ्ते में

कोरबा 29 अगस्त। बदली हुई व्यवस्था के अंतर्गत साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने कोई भी यूनियन खुद होकर किसी को भी सदस्य नहीं बना सकता और न ही सदस्यता का शुल्क ले सकता है। कर्मचारियों की सहमति से ही यह काम संभव है। मौजूदा वर्ष में मान्यता प्राप्त पांच यूनियनों की सदस्यता को लेकर प्रक्रियाएं जारी है। अभी से यूनियनें खुद को अव्वल बताने की कोशिश में हैं। सच्चाई यह है कि जिले के चार क्षेत्रों के अंतर्गत कौन सी यूनियन कहां पर सबसे दमदार है, इसका पता एक सप्ताह बाद चलेगा।

साउथ इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में विभागीय कामकाज के लिए अपनी नीति है और सेवा शर्तें। इसके अंतर्गत अधिकारियों और कर्मचारियों को काम करना होता है। इससे हटकर कोई काम नहीं होते। इस तरह के दावे प्रबंधन किया करता है। कुछ कार्यों के लिए समन्वय का रास्ता उपलब्ध है। बैठक, चर्चा और समितियों की मंत्रणा के साथ निर्णय लेने की व्यवस्था बनाई गई है। ट्रेड यूनियनों की भूमिका ऐसे मामलों में हुआ करती है। आवास आवंटन से लेकर कर्मचारी कल्याण के मुद्दों पर प्रबंधन इनके साथ बैठक किया करता है और निष्कर्ष पर पहुंचता है।कोरबा जिले में कोलफील्ड्स के अंतर्गत बीएमएस, एसकेएमएस, एसईकेएमसी, एचएमएस एवं के एसएस कार्यशील हैं।

जानकारों के मुताबिक वर्तमान में चार क्षेत्रों के अंतर्गत संचालित खदानों में कामगारों की संख्या 10 हजार के आसपास है। यही सब ट्रेड यूनियनों का भाग्य निर्धारित करते हैं। मतलब यह है कि ये कामगार यूनियनों के सदस्य बनने के साथ उन्हें शीर्ष पर ले जाने से लेकर निचले स्तर में रखने का दमखम रखते हैं। सदस्यों की रूचि के लिए कई प्रकार के मानक अब तक सामने आते रहे हैं। वे यह देखते हैं कि उनसे संबंधित कामकाज कराने को लेकर कौन सा यूनियन सबसे ज्यादा सक्रियता दिखा रहा है और किसमें ज्यादा क्षमता है। मायने यह बात भी रखती है कि प्रबंधन के भीतर किस यूनियन की ज्यादा चलती है या उनके प्रतिनिधियों को अधिक महत्व मिलता है। पूर्व की व्यवस्था में यूनियन के प्रतिनिधि मनमाने तरीके से एक कामकार को कई यूनियन का सदस्य बना लिया करते थे। ऐसे में कई मौकों पर होता यह था कि कर्मचारियों की वास्तविक संख्या से कई गुना ज्यादा सदस्य यूनियनों के पास हो जाते थे और इसी के साथ वे खुद को काफी वजनदार साबित करने की चेष्टा किया करती थी। अलग-अलग कारणों से कंपनी ने नियम बदल दिए। अब कर्मचारी की सहमति से ही सदस्यता शुल्क लिया जा रहा है। इसकी कटौती कंपनी का वित्त विभाग सीधे तौर पर करता है।

पिछले कुछ दिनों से यूनियनों की सदस्यता का सत्यापन चल रहा है। अंतिम चरण पर इसे अंजाम दिया जाना जारी है। पता चला है कि 5 सितंबर की स्थिति में अंतिम रूप से यह काम फाइनल होगा और प्रबंधन की ओर से इस बारे में अधिकृत जानकारी घोषित की जाएगी कि किस क्षेत्र में किस यूनियन के लिए कितने सदस्य बने हैं। इस आधार पर ही यूनियनों के वजन का स्तर स्पष्ट हो सकेगा। कहा जा रहा है कि नई तस्वीर पेश आने के बाद ट्रेड यूनियनों की राजनीति का नया ट्रेंड कोलफील्ड्स में नजर आएगा।

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