पहाड़ी कोरवाओं का राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा, फूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड करें: विधायक ननकीराम कंवर
कोरबा 7 अगस्त। जिले भर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली भ्रष्टाचार की चपेट में है। हालात यह है कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवाओं के हिस्से का राशन भी हड़प लिया जा रहा है। मामला मदनपुर सोसायटी का है।
जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है। उन्होंने बताया कि मदनपुर सोसायटी के तहत ग्राम सरडीह के पहाड़ी कोरबा वनवासियों को शासन के आदेश के अनुसार चावल का आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा है। नियमानुसार पहाड़ी कोरवा परिवारों को राज्य शासन की ओर से प्रति राशन कार्ड 35 किलो चावल और प्रत्येक सदस्य के लिए केन्द्र सरकार की योजना के तहत पांच-पांच किलो अतिरिक्त चावल का आवंटन किया जाना है, लेकिन राशन वितरक के द्वारा हितग्राहियों को पूरी मात्रा में राशन का आवंटन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरडीह के एक पहाड़ी कोरवा को राशन कार्ड पर केवल 20 किलो चावल दिया गया है। उक्त परिवार में केवल 2 सदस्य हैं। हितग्राही को 35 किलो चावल राशन कार्ड पर राज्य शासन की ओर से दिया जाना था और प्रति सदस्य 5 किलो के हिसाब से 2 सदस्यों के लिए 10 किलो अतिरिक्त चावल दिया जाना था। इस तरह 2 सदस्यों के राशन कार्ड पर हितग्राही को 45 किलो चावल मिलना चाहिए जबकि केवल 20 किलो चावल दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो के साथ ऐसा छलावा किया जा रहा है, तो सामान्य हितग्राहियों के साथ होने वाले बर्ताव का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र के सभी हितग्राहियों के साथ ऐसा ही छलावा किया जा रहा है और प्रतिमाह लाखों रुपयों के राशन की अफरा-तफरी की जा रही है। विधायक कंवर ने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्होंने जिले के फूड ऑफिसर को दी है और संबंधित फूड इंस्पेक्टर को तत्काल निलंबित करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि फूड ऑफिसर ने सोमवार को मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है।
विधायक कंवर ने जिले के गोठानों में ग्राम सभा की सहमति लिए बगैर ही अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करने की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी सभी नियुक्तियां अवैध हैं। उन्होंने बताया कि गोठानों में प्रभारी मंत्री द्वारा की गई समस्त नियुक्तियां अवैध हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आधार पर अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए गोठानों में नियुक्तियां दे दी गई हैं और प्रतिमाह दस हजार रुपये की राशि शासन के खजाने से दी जा रही है। इसी प्रकार गोठानों के निर्माण कार्य में पंचायतों की राशि का व्यय करा दिया गया है, जिसके कारण ग्राम पंचायतों का विकास पूरी तरह ठप्प हो गया है। इसके अलावा कई ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने गौठान निर्माण के लिए बाजार से सामानों की खरीदी की है जिनका भुगतान अब तक नहीं कर पाए हैं और वे काफी परेशान हैं। विधायक कंवर ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार और प्रशासन सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और भ्रष्टाचार का विस्तार निचले स्तर तक करने में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि जिले में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ शीघ्र ही एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा और जिले में भ्रष्टाचार में लिप्त चेहरों को बेनकाब किया जाएगा।