क्लोनिंग सेटअप बाक्स बनाकर लगाई लाखों की चपत, 15 लोगों के खिलाफ अपरार्ध दर्ज
कोरबा 5 अगस्त। एक टिकट में कई पिक्चर देखने की तर्ज पर कोरबा में फर्जीवाड़ा करने का अपनी तरह का अलग मामला सामने आया है। कुछ लोगों ने मिलकर सेटअप बॉक्स की ही क्लोनिंग कर डाली। एक आईडी और एक सेटअप बॉक्स का फर्जी तरीके से अलग-अलग कनेक्शन देकर न सिर्फ कई तरह के टैक्स की चोरी की गई बल्कि इसके मूल कर्ता-धर्ता को भी लाखों की चपत लगाई गई है। इस में 15 लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर लिया गया है।
अरविंद सिंह पवार पिता हरी सिंह पवार उम्र 42 साल निवासी 63 न्यू देवास रोड इंदौर मध्यप्रदेश हाल पता शिवालय होटल दर्री के साथ यह धोखाधड़ी हुई है। अरविंद सिंह पवार ने बताया कि वह केबल संचालन व केबल लाइन लीज पर लेकर काम करने का व्यवसाय मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ में विगत 2011 से कर रहा है। 2014 में वंदे मातरम केबल से जुड़कर कोरबा में अलग-अलग जगह में केबल लीज पर लेकर और वंदे मातरम केबल नेटवर्क के साथ मिलकर डायेक्टर कनेक्शन का कार्य कर रहा है। कोविड महामारी के समय से गृह निवास इंदौर में स्थायी रूप से चला गया था और लंबे समय तक यहां नहीं आने पर जयपाल उर्फ विक्की गुलाटी व 14 अन्य उसके कनेक्शनों पर स्वयं कार्य करने लगे। 01 अगस्त 2020 को जब अरविंद वापस आया और अपना हिसाब मांगा तो घाटा अर्थात कनेक्शन सेटअप बाक्स में कमी बताया। उसने सेटअप बाक्स के सब्सक्रिप्शन आई.डी. के नम्बरो का मिलान किया तो बडी गडबडी दिखी। एक ही सबक्रिशन आई.डी. के 3 से 4 डिब्बे लाईनों पर चल रहे थे जिसे साधारण भाषा में क्लोनिंग बाक्स बोला जाता है। इस डिजिटल साईबर क्राईम में एक गिरोह शामिल है जिसे जयपाल सिंह गुलाटी संचालित करता है। क्लोलिंग बाक्स बनाकर ये मौजूदा एम.एस.ओ. केन्द्र सरकार को प्रतिमाह लाखों रूपये का आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अरविंद को पिछले माह किसी ने बताया कि विक्की गुलाटी ने दर्री एक होटल शिवायल में एक ही नम्बर के दो डब्बे होटल के अलग-अलग रूम में चला रहा है। उसी होटल में अरविंद के नाम से फर्जी आई.डी. बनाकर एक ही नम्बर के दो डब्बे अलग अलग रूम में चला रहा था ताकि अगर फंसने की बात आये तो अरविंद की आई.डी. दिखाकर बच सकें। अरविंद के आई.डी., मोबाईल नंबर, ई.आई.डी., आफिस एड्रेस सब अपनी मर्जी का डालकर गलत काम कर रहे थे। यह गिरोह पे-नेट द्वारा निर्मित सेटअप बाक्स का क्लोन बनाकर अवैध केबल का अवैध लाभ प्राप्त करता आ रहा है। अन्य शहर में भी पे-नेट कंपनी के बाक्स का वितरक बनकर स्वतंत्र कार्य कर एम.एस.ओ और केन्द्र सरकार को लाखो रूपये का नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसमें पे-नेट कंपनी जो कि बैंक करप्ट हो चुकी है उसके कुछ उच्च अधिकारी भी शामिल हैं। इस क्लोंनिंग का फायदा उठाकर कोरबा शहर के एक अन्य एम.एस.ओ. के मैनेजर अजय गुप्ता और उसके साथ आपरेटर वेदपुरी गोस्वमी, गंगापुरी गोस्वामी व अन्य अपरेटर अपने आधे कनेक्शनों पर पे-नेट के डिब्बे लगाकर उन्हे क्लोन कर बाजार में चला रहे हैं।
फिलहाल अरविंद की रिपोर्ट पर जयपाल सिंह ऊर्फ विक्की गुलाटी अंजन चौधरी, उदय प्रताप सिंह, भास्कर चटर्जी, पुरूषोत्तम कर्ष, करन सिंह ठाकूर, संतोष पटेल, आशीष नामदेव राजीव पंजारिया, प्रकाश गुप्ता, अजय गुप्ता, सतीश, वेद पुरी गोस्वमी, गंगापुरी गोस्वामी, बृजेश एवं उनके अन्य सहयोगियों के विरूद्ध दर्री थाना में धारा 420,34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।