प्रतिबंधित दवा नहीं बेचने की शपथ पर मिलेगा दवा दुकान की लाइसेंस
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कोरबा 15 जून। प्रतिबंधित नशीली दवाओं के अवैध बिक्री पर शिकंजा लगाने के लिए खाद्य औषधि नियंत्रण विभाग ने दवा बिक्री के नियम में सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में संचालक को प्रतिबंधित दवा नहीं बेचने की शपथ पत्र लिखकर देना होगा और तभी उन्हें दवा खोलने लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद भी अगर नशीली दवाए सिरप या इंजेक्शन की बिक्री करते पकड़े गएए तो लाइसेंस रद्द करने के साथ पुलिस में मामला दर्ज कराने की कार्रवाई की जा सकती है।
वर्तमान परिवेश में युवाओं मे नशे की लत बढ़ते जा रही हैं। इसकी मुख्य वजह है नशे के सामानों का आसानी से मिलना। नशे की लत को पूरा करने उन प्रतिबंधित टेबलेट्स और सिरप का बड़ी संख्या में इस्तेमाल करते पाया जाता हैए जिनका सेवन करने से शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचता है। समय-समय पर कायदे व कानून को लेकर सजगता और जागरुकता पर फोकस करते हुए अनेक सेमिनार व कार्यक्रमों का दौर भी चलाए पर ऐसी दवाओं के विक्रय को लेकर नियमों में सख्ती के बाद भी समय-समय पर कुछ मेडिकल शाप बार-बार रंगे हाथ पकड़े गए हैं। इनमें से ज्यादातर मामले उपनगरों या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित दुकानों से सामने आई, जिनके संचालकों को विभाग की टीम ने बीते वर्षों में पकड़ा। इन पर सख्ती बरतते हुए कार्रवाई भी की गई। बावजूद इसके, शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कसावट के क्रम में एक नियम यह भी लागू किया गया है, जिसमें नया मेडिकल दुकान शुरू करने से पहले संचालक को एक शपथ पत्र लिखकर देना होगा, जिसमें इस बात का भरोसा दिलाना होगा कि उनकी दवा दुकान से नशीली दवाइयों की बिक्री नहीं की जाएगी। इस इकरारनामे के बाद ही उन्हें नया मेडिकल दुकान शुरू करने का लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। इसके बाद भी अगर नशीली दवा के कारोबार में संलिप्तता पकड़ी गई, तो ऐसी दुकानों के साथ सख्ती से पेश आते हुए लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी की सकती है।