कोरबा घोटाला छत्तीसगढ़ कोरबा जिले में बारदाना घोटाला की पुष्टि के साथ और भी कई अनियमितताएं आई सामने, पर कार्यवाही को लेकर संशय- कहीं दबा तो नही दिया जाएगा ये नया नान घोटाला? Gendlal Shukla August 6, 2020 कोरबा 6 अगस्त। न्यूज़ एक्शन की खबर के बाद कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने तीन सदस्यों की टीम गठित कर बारदाना घोटाला की जांच के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के कटघोरा के छुरी स्थित गोदाम में टीम भेजा। डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नन्दिनी साहू, फूड ऑफिसर ए के चतुर्वेदी और नायब तहसीलदार कटघोरा रवि राठौर ने नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में सुबह से शाम तक कस्टम मिलिंग के चावल के एक स्टेेक की जांच की। जांच के बाद श्रीमती साहू ने मीडिया से अल्प चर्चा में नए की जगह पुराना बारदाना में भी कस्टम मिल्ड चावल नान के गोदाम में पाए जाने की पुष्टि की। लेकिन जांच के दौरान उजागर हुई कई अन्य गड़बड़ियों का उन्होंने खुलासा नहीं किया और कहा कि जांच की तय बिंदु पर अपना प्रतिवेदन कलेक्टर के समक्ष पेश करेंगी। बहरहाल जांच में नए की जगह पुराने बारदाना में कस्टम मिल्ड चावल जमा करने की पुष्टि अब हो चुकी है। इसके साथ जांच में कई बारदाना ऐसे मिले जिसमें अलग अलग राइस मील के स्टेंसिल छपे थे और स्टीकर किसी दूसरे राइस मील के लगे थे। यानी इस बात की पूरी संभावना है कि पी डी एस का चावल रिसायकल होकर दोबारा नान के गोदाम में जमा हो गया। इसी तरह जांच में केवल लाल पट्टी के बारदाना को पुराना माना गया, जबकि वर्ष 12018- 19 की नीली पट्टी के बारदाना की पहचान नहीं हो सकी। इसका कारण यह रहा कि वर्ष 2019- 20 में भी नीली पट्टी बारदाना का उपयोग किया गया है और दोनों की सूक्ष्म जांच जरूरी है। मजे की बात तो यह है कि गोदाम के हमाल ही मुख्य रूप से बारदानों की पहचान कर निष्कर्ष बताते रहे। मौके पर मौजूद हमारे सूत्र ने बताया कि जांच के दौरान कुछ बारदाना फ़टे पाए गए, जिनका चावल बाहर बिखरा मिला। इस चावल में निर्धारित से अधिक मात्रा में कनकी देखा गया, जो एक गंभीर अनियमितता की ओर इशारा करता है। साथ ही कई बारदाने ऐसे मिले जिनमें किसी मील का नाम नहीं था। इसके सिवाय केवल एक गोदाम में मात्र एक स्टेक की जांच की गई जबकि छुरी में 6 गोदाम हैं और 70 से अधिक स्टेक हैं। तो क्या मन जाए कि सभी स्टेक में पुराने बारदाने मिक्स मने जाएंगे या यह मान लिया जाएगा कि शेष स्टेक में पुराने बारदाने नहीं हैं? सबसे बड़ी बात यह कि शासन के स्प्ष्ट आदेश को ठेंगा दिखाकर नियम विरुद्ध रूप से जांजगीर चाम्पा जिले का कस्टम मिल्ड चावल कोरबा जिले में जमा कराया गया। जबकि कस्टम मिलिंग की पॉलिसी में साफ शब्दों में इस पर प्रतिबन्ध है। प्रारंभिक रूप से सामने आए तथ्यों से ऐसा प्रतीत होता है कि यह पूरी अनियमितता योजना पूर्वक की गई है। इस गड़बड़ी में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबन्धक, केन्द्र प्रभारी, क्वालिटी इंस्पेक्टर और एस डब्ल्यू सी सहित खाद्य विभाग के अधिकारी सहभागी हो सकते हैं। आज की कार्यवाही से यह भी साफ हो गया है कि इस मामले में जांच का दायरा और बिंदु बढ़ाये जाने की जरूरत है। यह भी जांच का विषय है कि जांजगीर के राइस मील संचालकों ने मालभाड़ा लिए बिना किस लोभ में कोरबा में कस्टम मिल्ड चावल जमा किया? Spread the word Post Navigation Previous चेम्बर हुआ गरम तो प्रशासन पड़ा नरम, अब सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक सभी दुकानें खुली रहेंगी, कोरबा के व्यापारियों ने जीती एक बड़ी जंगNext मंत्रालय सहित नवा रायपुर तथा रायपुर स्थित सभी विभागाध्यक्ष कार्यालय खुले, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी Related Articles आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ व्यापार संगठन विवाद से विश्वास योजना संबंधित कार्यशाला का कोरबा में हुआ आयोजन Gendlal Shukla December 26, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ राजकाज रोजगार समीक्षा भू-विस्थापितों को रोजगार देने पर बनी सहमतिः अजय जायसवाल Gendlal Shukla December 26, 2024 आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ दिवस विशेष प्रेरणा राजकाज राजनीति संगठन सुशासन दिवस पर अटल परिसर का प्रदेश के कैबिनेट मंत्री द्वारा किया गया शिलान्यास Gendlal Shukla December 26, 2024