खदानों में रहा कामकाज सामान्य, कुछ स्थानों पर दिखा हड़ताल का असर

कोरबा 28 मार्च। उदारवादी नीतियों सहित कई मुद्दों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आवाहन पर बुलाई गई 2 दिन की हड़ताल आज से शुरू हो गई । औद्योगिक जिला कोरबा में कई खदानों में कामकाज सामान्य रूप से चलने की खबर है जबकि कुछ स्थानों पर हड़ताल का असर दिखा और कामकाज रुका। बैंक और बीमा कर्मचारियों ने भी हड़ताल को समर्थन देते हुए प्रदर्शन किया। परिस्थितियों पर नजर रखने के लिए पुलिस बल आसपास में सक्रिय रहा। ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी नीतियों को थोप रही है। प्राइवेटाइजेशन के साथ साथ निजी कंपनियों को प्रवेश देने के रास्ते साफ किये जा रहे है। यह कदम श्रमिक हित में नहीं है। मांग की जा रही है कि इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर चार श्रमिक संघों ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया। कोल से–टर के साथ सार्वजनिक उपक्रमों को इसमें शामिल करने की घोषणा की गई। हालांकि आह्वान भारत बंद का भी था लेकिन यह पूरी तरह बेअसर रहा। कोल इंडिया की लाभकारी कंपनी एसईसीएल की कोरबा जिले में स्थित खदानों में हड़ताल का मिश्रित असर रहा। यद्पि संगठनों ने सफलता के लिए अपनी ओर से कोशिश की लेकिन प्रबंधन ने भी उत्पादन और अन्य गतिविधियों को पटरी पर बनाए रखने के लिए भरपूर मशक्कत की। दोनों के अपने-अपने तर्क रहे और रणनीति भी। हड़ताल से –या कुछ हासिल होना है, यह विमर्श का विषय हो सकता है। लेकिन वृहद राष्ट्रीय हितों के हवाले से कहा जा रहा है कि बार-आर उत्पादन ठप करना श्रमिक मामलों को लेकर बेहतर नहीं है।   

मानिकपुर,रजगामार सरईपाली में उत्पादन

एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के एपीएम एके पटनायक ने बताया कि मानिकपुर, सरईपाली और रजगामार में शत प्रतिशत उत्पादन चल रहा है। अन्य भूमिगत खदानों में बाधा हुई है। कुसमुंडा क्षेत्र से भी इसी प्रकार की खबर प्रबंधन ने उपल ध करायी है। गेवरा और दीपका क्षेत्र में कई कारणों से पहले से ही समस्याएं है। इन सबके बावजूद अपने हितों को लेकर गंभीर काफी कर्मचारियों ने हड़ताल से पर्याप्त दूरी बनाए रखने में समझ का प्रदर्शन किया। एक दिन पहले ही एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा ने मौजूदा परिस्थितियों को लेकर श्रमिकों से अपील की थी। इसने भी अपना सकारात्मक असर दिखाया।   

दीपका में स्थिति सामान्य

एसईसीएल दीपका प्रोजे–ट में प्रथम पाली में 291 कर्मी पंजीकृत हैं। इनमें से 152 ने उपस्थिति दर्ज करायी। जबकि जनरल सिप्ट में उपस्थिति का आंकड़ा 474 का रहा। इसमें 760 की ड्यूटी है। प्रबंधन ने बताया कि आज की स्थिति में 31 कर्मी अवकाश पर हैं। जबकि 247 की अलग-अलग कारण से अनुपस्थिति हुई। इस तरह 52 फीसदी कर्मियों ने कार्यस्थल पर सुनिश्चित की। वहीं गेवरा परियोजना में जनरल सिप्ट में 1307 में से 527 कर्मी मौजूद रहे। वहीं प्रथम पाली में 534 में से 165 की उपस्थिति दर्ज हुई। प्रबंधन ने बताया कि 30 से 40 फीसदी कर्मचारियों ने कामकाज किया है। दीपका में उत्पादन पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा। गेवरा में स्थिति कुछ गंभीर रही।   

तीन स्थानों पर लगे टेंट

हमेशा हड़ताल के समय सभी इकाईयों में कामगारों के द्वारा गेट के सामने टेंट लगाये जाते रहे हैं। लेकिन इस बार कई इकाईयों में टेंट नहीं लगाए गए। मात्र तीन स्थानों में ही टेंट के नीचे प्रतिनिधी काम करते रहे। सिंघाली में रमेश परिहार, श्याम सुंदर सिंह, शमीम खान, ढेलवाडीह में धर्माराव व सुरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में कामगार काम कर रहे थे। जबकि बगदेवा में अशोक सिंह सहित चार यूनियन के प्रतिनिधि सक्रिय रहे।

ड्यूटी जाने से रोकने का प्रयास

गेवरा व कुसमुंडा में कामगारों को ड्यूटी जाने से रोकने के लिए अलग से रणनीति तैयार की गई थी। गेवरा एरिया में आज सुबह 6 बजे स्टैट बंैक के निकट श्रमिक चौक, आमगांव मार्ग, स्टोर चौक के निकट प्रतिनिधि डटे रहे। दीपका में भी प्रगति नगर कालोनी के निकट प्रतिनिधि जमा थे। यहां पर सीके सिन्हा, संजीव शर्मा, विनोद यादव, दीपक उपाध्याय, एलपी अघरिया, गोपाल यादव, देवेन्द्र मिश्रा, रेशमलाल यादव को जवाबदारी दी गई थी। कुसमुंडा में सर्वमंगला मंदिर के निकट 1 नंबर रेलवे लाईन व कबीर चौक के निकट प्रतिनिधि 6 बजे ही जमा हो गए थे। सर्वमंगला मंदिर के निकट एसएन राव, सुगना बर्मन एक नंबर यूनियन के पास एके अंसारी, रमेश मिश्रा, कबीर चौक के पास अरूण झा, मिलन पांडेय, मनोहर, बीडी महंत सहित चार संगठनों के प्रतिनिधि डटे हुए थे। रजगामार में भी हड़ताल को सफल बनाने के लिए 4-5 नंबर खदान के निकट प्रतिनिधि पहुंच गए थे। यहां पर रामनाथ कश्यप, कमर बक्श, संपत ज्वाला, सुनील धीवर, संजीव राय सकिय नजर आये।   

मानिकपुर गेट के सामने नारे बाजी

मानिकपुर में भी यूनियन प्रतिनिधि प्रातः 5 बजे पहुंचकर नारेबाजी कर रहे थे। यहां पर किशोर सिन्हा, संदीप चौधरी, प्रमोद बेनर्जी, भागवत सिंह, मोहन प्रधान, चांदराम बंजारे, राजू श्रीवास्तव सक्रिय नजर आये। केन्द्रीय कर्मशाला गेट के सामने राजेश पंाडेय, भागवत साहू, गिरिवर राठौर, दिनेश साहू, नारेबाजी करते रहे। सीजीएम शाखा में भी 8 बजे सुभाष सिंह, विनय सिंह, नविन सिंह, मनोज कटेलिहा, भुनेश्वर कश्यप, अनूप सरकार नारेबाजी करते नजर आये।   

हड़ताल पर नजर

कोरबा क्षेत्र के दिग्गज नेता हड़ताल पर नजर रखे हुए थे। वे रात में ही रणनीति तैयार कर अपने कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश दिया था। आज दिपेश मिश्रा, ए विश्वास, जनकदास के द्वारा अपने प्रतिनिधियों से फोन पर बातचीत करते हुए लगातार जानकारी ले रहे थे। वे अपने समर्थकों के हौसला बढ़ाने के लिए सभी इकाईयों में गए। गोपाल नारायण सिंह के अलावा दीपका गेवरा व कोरबा पश्चिम क्षेत्र के सभी कार्यकर्ता सक्रिय रहे। स्टोर में भी एसके प्रसाद, राकेश सिंह,अब्दुल माजिद के द्वारा भी नारेबाजी किया गया।   

बैंक बीमा कर्मियों का प्रदर्शन

हड़ताल के बिन्दुओं को लेकर बैंक और बीमा सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों ने कार्यालयों के आसपास प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि काफी समय से इस मामले को लेकर मांग की जा रही है। समीक्षा करने की जरूरत महसूस हो रही है, लेकिन अब तक नतीजे नहीं आये है।   

पावर व एल्युमिनियम सेक्टर में नाकामी

पावर और एल्युमिनियम सेक्टर में यह हड़ताल नाकाम रही। इससे पहले भी एनटीपीसी और सीएसईबी के बिजली घरो में इस तरह की हड़ताल के कोई मायने नहीं रहे है। आवश्यक सेवा होने के मायनों को समझते हुए कर्मचारी सिर्फ और सिर्फ अपने काम से मतलब रखने को लेकर गं ाीर रहे हंै। देश के लिए सर्वाधिक एल्युमिनियम उत्पादन करने वाली भारत एल्युमिनियम कंपनी के बालको नगर परियोजना में भी कामकाज अन्य दिनों की तरह चलता रहा। कामकाज के मामले में विशेष रणनीति को लेकर प्रबंधन की अलग पहचान है।

Spread the word