छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा स्याहीमुड़ी में महिला दिवस आयोजित
कोरबा 8 मार्च। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई ने स्याहीमुड़ी में महिला दिवस का आयोजन किय। इस साल विज्ञान सभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन महिलाओं को चिं-ति किया गया जो जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है। रामनगर स्याहीमुड़ी के 11 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की गई और जनसामान्य में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार, महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं, महिलाओं के सशक्तिकरण, प्रौढ़ शिक्षा व अपने सम्मान की लड़ाई के लिए वह कौन सी संस्थाओं से संपर्क कर सकती हैं और प्रक्रिया क्या है, इससे अवगत कराया गया।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में डा फरहाना अली ने महिलाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने भी हाल ही में एमबी, की डिग्री प्राप्त की है। किस उम्र में और किस प्रकार की शिक्षा प्राप्त कर सकती है और शिक्षा का महिलाओं के जीवन में क्या महत्व है, इस संबंध में उन्होंने सभी महिलाओं को जानकारी दी। डा फहराना अली ने कहा कि मितानिन न जाने किस मिट्टी की बनी है कि उन्होंने कोरोना काल में जब कोई बाहर भी नहीं निकलना चाहता थाए तब वे सेवाएं दी। मितानिन महिलाओं की सच्चे मित्र होती है। कार्यक्रम में उपस्थित डा रेणु कौशिक ने महिलाओं को अपनी समस्याओं को खुलकर बताने पर जोर दिया उन्होंने कहा अपनी समस्याओं को बताने की हिम्मत जुटाएं और साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखें। परिवार नियोजन के संबंध में सजग रहें। गर्भधारण करना महिला का अधिकार है और कितनी बार गर्भधारण करना है यह भी महिला का ही अधिकार है। बेटा बेटी का फर्क न करें। उन्होंने बताया कि महिलाओं को मानसिक शारीरिक दोनों ही रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिएए तभी वह अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों के साथ अपना सुचारू रूप से ख्याल रख पाएंगी। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए और कोई भी समस्या होने पर समय रहते चिकित्सक को दिखाना चाहिए। डा रेनू कौशिक ने कार्यक्रम में उपस्थित मितानिन व सभी महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम में रामनगर स्याहीमुड़ी की तीन मितानिन सुमित्रा मानिकपुरी प्रमिला कुशवाहा नंदिनी विश्वकर्मा का विशेष सम्मान किया गया। इस साल के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की मूल वाक्य जेंडर इक्वालिटी टुडे फार ए सस्टेनेबल टुमारो कार्यक्रम में महिलाओं को इस बात के लिए जागरूक किया गया कि वह स्वयं को पुरुषों से किसी भी तरह कमतर न आंके। कार्यक्रम को सफल बनाने में रामनगर की रमा श्रीवास, हंसिता का विशेष योगदान रहा ।
निधि सिंह ने महिलाओं से कहा कि वह आपसी एकता को बनाए रखें, फिर चाहे वह पारिवारिक समस्याएं हों या कार्यस्थल में होने वाला दुर्व्यवहार हो। अपने साथ हो रहे गलत व्यवहार को कभी बर्दाश्त न करें, अपना आत्मविश्वास बनाए रखें, मुखर होकर बोले और उसका सामना करें । यदि महिलाएं शिक्षित होंगी आर्थिक रूप से स्वालंबी होंगी तो अपने निर्णय वह स्वयं लेने में सक्षम बनेंगी।