पहंदा गोठान मशरूम प्रशिक्षण केंद्र के रूप में होगा विकसित, उद्यानिकी विभाग

ग्रामीण महिलाओं में बनेगी आत्मनिर्भरता की राह

कोरबा 4 मार्च। जिले में मशरूम के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए पहंदा गोठान को मशरूम प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिले का यह पहला गोठान है, जहां मशरूम उत्पादन के लिए अलग से भवन निर्माण हुआ। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत यहां की स्व.सहायता समूह की महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र और रायपुर से पहुंचे मशरूम उत्पादन विशेषज्ञों की टीम प्रशिक्षण दे रही है। मशरूम उत्पाउदन में प्रशिक्षित होकर महिलाएं अन्य समूहों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाएंगी।

औद्योगिक नगरी के लिहाज से जिले मशरूम की व्यवसायिक खेती की अपार संभावनाएं हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए जिला उद्यानिकी विभाग की ओर से पहंदा में मशरूम भवन का निर्माण किया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन की ओर से 12 लाख रूपये स्वीकृत किया गया है। इस राशि में आठ लाख की लागत से भवन का निर्माण किया गया है। उत्पादन के लिए लगने वाली तीन लाख की सामाग्री की खरीदी की गई है। मशरूम उमस भरे वातावरण में तैयार होती है। भवन में अनुकूल ताप के लिए हीटर और और पानी छिड़काव के लिए फव्वारा लगाए गए हैं। उत्पादन के लिए भवन व प्रशिक्षण उद्यानिकी विभाग से निःशुल्क दिया जा रहा है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि स्पान बीज के जरिए मशरूम की खेती की जाती है, उत्पादन के लिए भूसा, पालीथीन, कार्बेडाजिम, फार्मेलिन और स्पान बीज की जरूरत होती है। यह सामान बाजार में आसनी से उपलब्ध हो जाती हैं। मशरूम उत्पादन के प्रति गोठान की महिलाओं में रूचि देखी जा रही है।

उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक आभा पाठक ने बताया सामान्यतौर पर मशरूम तीन तरह के होते हैं। इनमें बटन, आयस्टर और दूधिया मशरूम शामिल हैं। पहंदा गोठान में महिलाओं को आयस्टर मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी जा रही। शहर के बाजार में व हाटल में मांग होन से महिलाओं को बिक्री की समस्या नहीं होगी। प्रायोगिक प्रशिक्षण का लाभ-जिला कृषि विज्ञान केंद्र में महिलाओं मशरूम उत्पादान के लिए सैद्धांतिक रूप से महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता हैं। प्रायोगिक जानकारी के अभाव में प्रशिक्षण लेने के बाद भी महिलाएं आगे नहीं आती। पहंदा में मशरूम उत्पादन की गतिविधि के लिए दूसरे विकास खंड की महिलाओं को भ्रमण कराया जाएगा। मशरूम उत्पादन की गतिविधि के बारे जानकारी लेकर महिलाएं व्यवसाय के लिए प्रेरित होंगी।

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