भू-विस्थापितों ने तीन घंटे कुसमुंडा खदान बंद करा फहराया तिरंगा, खदान में काम हुआ प्रभावित

कोरबा 28 जनवरी। धरना दे रहे भू-विस्थापितों ने कुसमुंडा खदान में अंदर उतर कर काम बंद करा दिया और खदान के अंदर ही ध्वजारोहण कर नारेबाजी की। इससे खदान का कामकाज प्रथम पाली में पूरी तरह प्रभावित रहा। इस दौरान तहसीलदार के साथ आंदोलनकारियों की तीखा बहस भी हुई, पर प्रशासन रोकने में नाकामयाब रहा।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की कुसमुंडा खदान लगातार आंदोलन की वजह से कोयला उत्पादन में काफी पिछड़ती जा रही है। पुनर्वास, मुआवजा और रोजगार के लंबित प्रकरण को लेकर रोजगार एकता संघ द्वारा तीन माह से धरना दिया जा रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि पुनर्वास नीति के अनुसार सभी प्रभावित किसानों को स्थाई नौकरी दी जाए। गणतंत्र दिवस के अवसर पर भू-विस्थापितों ने तिरंगा झंडा और बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर लेकर रैली निकाली और खदान में नीचे उतर सतर्कता चौक के पास जाकर संघ के अध्यक्ष राधेश्याम कश्यप व छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर तिरंगा झंडा फहराया। इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने तीन घंटे तक चक्का जाम करके उत्पादन भी ठप कर दिया। इस बीच तहसीलदार के साथ विवाद भी हुई और कोरोना संक्रमण और धारा 144 के नाम पर आंदोलनकारियों को रोकने की प्रशासन ने काफी कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारियों की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रशासन असहाय नजर आया। इस दौरान रेशम, दीनानाथ, मोहनलाल कौशिक, संतोष राठौर, बजरंग सोनी, सनत कुमार, पुरषोत्तम कंवर, संजय यादव, कृपाल सिंह, अशोक मिश्रा, दीपक धीवर, विजय कुमार, अनिल बिंझवार, रघुनंदन, राजेश, टकेश्वर, धनाराम, कृष्ण कुमार, गणेश बिंझवार, पंकज, रघुलाल, हरिशंकर, चंद्रशेखर, हेमलाल, वेदराम, मोहनलाल, अनिता बिंझवार, राजेश्वरी, श्वेता, रेवती बाई, संगीता सेत बाई, अमृता बाई, संत बाई, सरिता, राधा, जानकी, लता, राजकुमारी आदि के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसानों ने हिस्सा लिया। छग किसान सभा के राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी ने भी स्थल पहुंच कर अपना समर्थन दिया।

आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर एसईसीएल को मार्च में कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो उसे भू-विस्थापितों को नौकरी भी देना होगा, वरना एसईसीएल को अगले माह फिर खदान बंदी का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है और वे अंतिम सांस तक अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भू विस्थापितों द्वारा अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग करना पूरी तरह संविधान सम्मत है और किसी कानून या प्रशासनिक आदेश द्वारा इसे छीना नही जा सकता। सभा को राधेश्याम कश्यप, दामोदर, गणेश प्रभु, जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक के साथ कुसुम सोनी, मोहन यादव और घुनीराम कौशिक आदि ने भी संबोधित किया।

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