छत्तीसगढ़ साहित्य भरत स्वर्णकार की कविता- तमन्ना…. Gendlal Shukla July 27, 2020 ,,,,,, तमन्ना,,,,,,उसकी जरूरतकुछ नहीं बसआंख से अबकम दिखाई देता हैचश्मा बनवा देते तो ,,,,,,वह चल नहीं पाती हैगिरने का डर रहता हैवाकर मंगा देते तो ,,,,,,अब इस उम्र मेंकहां जायेगीदौड़_धूप उसकेबस की बात नहींसमय निकालकरकोई उसके पासदो घड़ी बैठ जातेवह सिर पर हाथ फेरकरप्यार कर लेती तो ,,,,,,,कांवड़ में बैठकरचारधाम दर्शन करने कीउसकी कोई तमन्ना नहीं है अंत समय मेंउसे अपनों काकांधा मिल जाता तो ,,,बस इतनी-सीतमन्ना बाकी है ।भरत स्वर्णकार ,दुर्ग, छत्तीगसढ़062655 43562 Spread the word Post Navigation Previous तखतपुर के मुड़पार में नेता प्रतिपक्ष ने की ग्रामीणों से मुलाकात, जिम्मेदार लोगों पर नहीं हो रही कार्यवाही: कौशिकNext इस जिले के बैरियरों में बिना पास के प्रवेश निषेध, कोरोना के बढ़ते आंकड़े के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक ने लिया संज्ञान Related Articles अपराध कानून कोरबा छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग की कार्रवाईः चढ़ी भट्ठी सहित कुल 51 हाथ भट्ठी महुआ शराब बरामद Gendlal Shukla December 26, 2024 आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ राजकाज उपभोक्ताओं को दी गई अधिकारों की जानकारी Gendlal Shukla December 26, 2024 कोरबा छत्तीसगढ़ प्रेरणा संगठन सुरक्षा प्री-पेड बूथ से ऑटो लेना सुरक्षित और किफायती: उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन Gendlal Shukla December 26, 2024