आधी आबादी के स्वाभिमान की ओर बढ़ते कदमः बिहान की दीदियाँ घर में ही बना रहीं सेनेटरी पेड
एक माह में 30 हजार रूपए से ज्यादा का लाभ, साफ-सफाई के प्रति जागरूक रहने का भी दे रही संदेश
कोरबा 29 दिसंबर। स्त्रियों के स्वाभिमान, सेहत की रक्षा के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के एक समुह की महिलाएं घर में ही सेनेटरी पेड बना कर इन्हें बेचकर 30 हजार रुपये से ज्यादा का लाभ अर्जित कर रहीं हैं. इसके साथ ही वह महिलाओं, किशोरियों को स्वच्छता जागरूकता का महत्वपूर्ण संदेश दे कर उनमें जागृति भी ला रहीं हैं। सखी स्वसहायता समूह, छुरी की 10 महिला सदस्यों ने वर्ष 2017 में अपना समूह गठित करके आपस में पैसे जमा करके बचत करना शुरू किया। वर्ष 2018 में समूह की आय बढ़ाने के लिए उन्हें चक्रीय निधि 15000 रुपये दी गयी. वर्ष 2020 में समूह का व्यवसाय बढ़ाने के लिए सामुदायिक निवेश कोष के तहत 60,000 रुपये की राशि प्रदाय की गई. सेनेटरी पेड निर्माण के प्रशिक्षण उपरांत समूह को 1 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया, जिसकी सहायता से समूह की महिलाओं ने सेनेटरी पेड बनाने की मशीन खरीदकर, घर में ही सेनेटरी पेड बनाना शुरू किया. अब समूह प्रति दिन 300 सेनेटरी पेड बना कर, काटकर, पेकिंग करके तैयार कर लेता है. इस प्रकार एक माह में समूह की दीदियों द्वारा 9000 सेनेटरी पैड बना लिये जाते हैं जिसका समुह द्वारा निर्धारित मूल्य अनुसार करीब 33 हजार रुपये के होते हैं. सेनेटरी पेड का ब्रांड नाम स्त्री स्वाभिमान रखा है. इंडिया बनाये गये सेनेटरी पेड को गर्ल्स स्कूल, कन्या छात्रावास, मेडिकल दुकानों में बेचकर लाभ अर्जित किया जा रहा है. समुह की अध्यक्ष रश्मि भार्या ने बताया कि समूह द्वारा बनाये गये सेनेटरी पेड आकर्षक तथा स्त्री सेहत की सुरक्षा हेतु बेहद लाभदायक है. उन्होंने बताया कि 08 पेड का एक पैकेट बनाते हैं जिसकी कीमत मात्र 30 रुपये रखी है, जो कि ग्रामीण महिलाओं के लिए बाजार मूल्य से कम दर पर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि एक माह में 30 हजार रुपये से ज्यादा के पैड बना लिये जाते हैं. गर्ल्स स्कूल एनटीपीसी में उन्होंने 600 सेनेटरी पेड की पूर्ति की है।
पीआरपी फूलकुमारी का कहना है कि सेनेटरी पेड के उपयोग एवं जागरूकता हेतु ग्राम संगठन की बैठक, समूह की बैठक, संकुल बैठक, तथा ग्रामीण महिलाओं के संपर्क के दौरान स्वच्छता संदेश देकर इसके उपयोग हेतु प्रेरित किया जा रहा है. बिहान योजना के सहयोग से जहां समुह की महिलाओं को स्वरोजगार से आजीविका का साधन मिला है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता जागरूकता अभियान का हिस्सा बन कर समूह की महिलाओ ने खुशी जाहिर की है।