गौधन संवर्धन के सरकारी दावा सवालों के घेरे में: बिलासपुर जिले में गायों की सामूहिक मौत

शुभांशु शुक्ला
मुंगेली 25 जुलाई। केंद्र और प्रदेश दोनों सरकार खुद के गौ हितैषी होने का दावा करती है लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट नज़र आ रही है। पड़ोसी जिला बिलासपुर के तखतपुर तहसील में गायों को लेकर एक बार फिर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। तखतपुर के मेड़पार बाजार पुराना ग्राम पंचायत भवन में रखी 100 गाय में से लगभग 50 की मौत अव्यवस्था के कारण हो गई। नई व्यवस्था में गायों को गोठान में रखने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन तखतपुर विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत मेड़पार बाजार में गोठान नहीं होने के कारण आसपास से पकड़े गए गायों को ग्राम पंचायत के पुराने जर्जर भवन के ग्राउंड में बनाएं अस्थाई गोठान में रखा गया था। बताया जा रहा है कि यहां करीब 60 गाय रखी हुई थी। बेहद कम जगह ,गंदगी, संक्रमण के बीच रखी इन गायों की देखभाल बिल्कुल नहीं हुई, जिसके चलते करीब 50 गाय मर गई।
लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि अगर गायों को रखने की व्यवस्था नहीं है तो फिर सड़क पर विचरण करने वाली गायों को जबरन पकड़कर क्यों उन्हें मौत के मुंह में धकेला जा रहा है। इसी ग्राम पंचायत के ग्रामीण विनोद घृतलहरे भी कह रहे हैं कि उनकी तीन गायों को एक दिन पहले ही यह रखा गया था ,जिनकी भी मौत हो चुकी है ।इधर इसकी जानकारी होते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं और सभी अधिकारी लीपापोती में लग चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की सरकार भी लगातार गायों को लेकर तरह-तरह की योजना बना रही है। केंद्र सरकार तो पहले से ही गायों को संरक्षण देने का दावा करती रही है, लेकिन बावजूद इसके गायों की दुर्गति हो रही है। एक तरफ बकरीद आते ही पूरे देश भर में गौ तस्करी तेज हो चुकी है तो वहीं अब गौठान में भी गाय सुरक्षित नहीं है। इस लेकर ग्रामीणों में रोष है, वही गौ रक्षक भी मौके पर पहुंच चुके हैं और इस लापरवाही के खिलाफ जमकर आक्रोश का प्रदर्शन किया जा रहा है।वही मामले की सूचना मिलने के बाद क्षेत्रीय विधायक एवँ संसदीय सचिव रश्मि सिंह ठाकुर भी मौके पर पहुंची उन्होंने पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है वही शासन की रोका छेका या फिर गौठान योजना से इस मामले के किसी प्रकार के सम्बंध से इनकार किया है और पूरे मामले की जांच उपरांत दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही की बात कह रही है।
Spread the word