बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए सैन्य प्रशासन 200 एकड़ जमीन दे: अमर
पूर्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर किया आग्रह….
सैन्य छावनी न बन रही हो तो एयरबेस या रक्षा उत्पादन उपक्रम की इकाई खोलने का किया अनुरोध
बिलासपुर 14 नवम्बर। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री अमर अग्रवाल केंद्रीय रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी को लिखित पत्र में आग्रह किया है कि बिलासपुर के चकरभाठा में हवाई अड्डे में रनवे विस्तार के लिए 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। श्री अग्रवाल ने लिखित पत्र में अनुरोध करते हुए बताया कि
डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन के द्वारा बिलासपुर के बिलासा बाई केवटिन एयरपोर्ट को 3-C VFR कैटेगरी का लाइसेंस जारी होने के बाद केंद्रीय उड़ान योजना अंतर्गत अंतरराज्यीय उड़ान सेवाओ का संचालन दिन में (Day Time) हो रहा है,जिसने उड़ान का दायरा 600 किलोमीटर दूरी तक सीमित है। हवाई अड्डे का स्टेटस 3 C VFR के तहत 72 सीटर छोटे विमानों के लैंडिंग की अनुमति है। भविष्य में यात्री सुविधा की दृष्टि से हवाई पतन के विस्तार हेतु रनवे का विस्तार किया जाना जरूरी है इसके लिए लगभग 200 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। विदित हो कि 2011-12 इमेज चकरभाठा बिलासपुर में थल सेना की प्रशिक्षण छावनी खोला जाना प्रस्तावित है। सैन्य छावनी हेतु 10 वर्ष पूर्व 1012 एकड़ की भूमि अधिग्रहण का कार्य किया गया है। सेना द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि बिलासपुर हवाई अड्डे के चारों तरफ आती है, भू अधिग्रहण के समय सैन्य प्रशासन के द्वारा चकरभाटा हवाई पट्टी के व्यवस्थित विकास और एयरपोर्ट के निर्माण हेतु भी आश्वस्त किया गया था।श्री अग्रवाल ने आग्रह किया है कि बिलासपुर एयरपोर्ट में रनवे का विस्तार( 2500 मी-3000 मी तक)करते हुए आईएफआर (इंस्ट्रूमेंटल फ्लाइट रूल लैंडिंग) श्रेणी तक किए जाने की नितांत आवश्यकता है।चकरभाटा में रनवे की लंबाई पंद्रह सौ मीटर है वर्तमान में इसमें सेना के बड़े विमान या बड़े बोइंग यात्री विमान नहीं उतर सकते, नाइट लैंडिंग की भी सुविधा नहीं है। रन वे विस्तार किये जाने से हवाईअड्डे की कैटेगरी उनय्यन द्वारा बड़े विमानों की भी रात में आवाजाही सुविधा मिल सककेगी और नियमित विमान सेवाओं का दायरा भी बढ़ेगा।उन्होंने माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी को आग्रह करते हुए लिखा है प्रस्तावित सैन्य छावनी स्थापना कार्य अगर सरकार के वैकल्पिक प्रस्तावों में शामिल हो तो छावनी हेतु चकरभाठा शेष 812 एकड़ जमीन में बिलासपुर में ही प्रदेश का सबसे बड़ा एयर बेस तैयार किया जा सकता है या रक्षा उपक्रम से संबंधित उत्पादन इकाई की स्थापना,कार्गो सेंटर इत्यादि की स्थापना भी की जा सकती है। मालूम हो पिछले दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी से मुलाकात करके श्री अमर अग्रवाल ने प्रस्तावित सैन्य छावनी और बिलासा बाई केवटिन हवाई अड्डे में सुविधाओं के विस्तार के संबंध में चर्चा भी की थी।केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय संपर्क योजना (Regional Connectivity Scheme) अंतर्गत आम आदमी तक हवाई सेवा को सुलभ कराने के क्रम में छत्तीसगढ़ बिलासपुर से जबलपुर होते हुए दिल्ली और बिलासपुर से प्रयागराज होते हुए दिल्ली जाने के लिए 1 मार्च 2021 से हवाई सेवाओं की बहुप्रतीक्षित शुरुआत मिशन उड़ान (UDAN) के तहत शुरू की गई है।