मोदी सरकार ने मंजूरी दी 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर खरीदने की

नईदिल्ली 5 नवम्बर। सरकार ने मंगलवार को HAL से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों (LUH) की खरीद को मंजूरी दे दी है। इसमें छह-छह हेलीकॉप्टर सेना और वायु सेना को मिलेंगे। इसी के साथ अब वायु सेना के बेड़े से चीता हेलीकॉप्टरों को रिटायर करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 7,965 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मंजूर किये गए हैं। नौसेना के लिए युद्धक जहाजों की ट्रैकिंग करने के लिए फायर कंट्रोल सिस्टम, डोर्नियर विमान के मिड लाइफ अपग्रेडेशन और उन्नत शॉर्ट रेंज माउंट गन के लिए भी स्वीकृति मिल गई है।

‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बूस्ट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिचालन आवश्यकताओं के लिए पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को 7,965 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। ये सभी प्रस्ताव भारत में डिजाइन, विकास और निर्माण पर ध्यान देने के साथ ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हैं। घरेलू स्रोतों से खरीद की मंजूरी में सबसे महत्वपूर्ण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर शामिल हैं। लद्दाख की वादियों में आखिरी परीक्षण के दौरान खरे उतरे स्वदेशी लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH) को खरीदने की मंजूरी लम्बे इन्तजार के बाद मिली है। इसमें छह-छह हेलीकॉप्टर सेना और वायुसेना को मिलेंगे। पहला हेलीकॉप्टर अगले साल अगस्त तक मिलेगा और बाकी स्वदेशी हल्के हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2022 तक होगी।

कई परीक्षणों के बाद किया गया शामिल

LUH ने परीक्षण के दौरान लेह से उड़ान भरकर 5000 मीटर की ऊंचाई पर दौलत बेग ओल्डी के एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड पर उतरने का प्रदर्शन किया है। इसके बाद एक अन्य अग्रिम हेलीपैड पर 5500 मीटर की ऊंचाई पर 27 डिग्री सेल्सियस तापमान में इसका प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सियाचिन ग्लेशियर में अति-ऊंचाई वाले हेलीपैड पर पायलेट्स ने उतारकर पेलोड क्षमता जांची। इससे पहले हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने खुद पिछले साल 24 अगस्त से दो सितम्बर के बीच दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्र दौलत बेग ओल्डी में इनका परीक्षण किया था। यह परीक्षण भारतीय वायुसेना और थलसेना की निगरानी में किए गये थे और उस समय भी परीक्षण में सफल रहे थे।

सुपर रैपिड गन माउंट से लैस नजर आएंगे नौसेना के युद्धपोत

भारतीय नौसेना के युद्धपोत जल्द ही सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) से लैस नजर आएंगे। सरकार ने आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ को एक और प्रोत्साहन देने के लिए भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) से एसआरजीएम खरीदने का रास्ता साफ़ कर दिया है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत कानपुर की फील्ड गन फैक्टरी में विकसित की गई यह बन्दूक नौसेना के ट्रायल में भी पूरी तरह खरी उतरी है। उन्नत एसआरजीएम एक अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है, जिसमें अतिरिक्त विशेषताएं जैसे तेज गति के साथ पैंतरेबाजी, रेडियो नियंत्रित लक्ष्यों को संलग्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद का प्रबंधन करने और उच्च रेंज में फायर करने की क्षमता है। इसके अलावा भेल से ही लिंक्स यू2 फायर कंट्रोल सिस्टम खरीदे जाने को मंजूरी मिली है, जो नौसेना की समुद्री टोही और तटीय निगरानी क्षमता को बढ़ाएगी।

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