फर्जी कागजात से एसईसीएल में 35 साल की नौकरी, दोषी को 3 साल सजा

कोरबा 31 अक्टूबर। फर्जी कागजात बनाकर मूल भू-विस्थापित की जगह 35 साल तक एसईसीएल में नौकरी करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को 3 साल की सजा सुनाई है। मामला कटघोरा के जेएमएफसी कोर्ट में चल रहा था।

कटघोरा कोर्ट के अभियोजन अधिकारी नंदकुमार पटेल ने बताया गेवरा बस्ती कुसमुंडा निवासी परदेशी राम सारथी 54 के खिलाफ कागजात में कूटरचना कर फर्जीवाड़ा करते हुए एसईसीएल में नौकरी करने का मामला दर्ज था। परदेशी ने 1981 में भू-विस्थापित राधेश्याम काले की जगह सुराकछार-बलगी उपक्षेत्र में नौकरी हासिल की थी। परदेशी ने कागजात में खुद को राधेश्याम बताया था। 35 साल तक परदेशी ने एसईसीएल में नौकरी की, जबकि दूसरी ओर मूल भू-विस्थापित राधेश्याम भटकता रहा। मामला कटघोरा जेएमएफसी कोर्ट में चला। अभियोजन अधिकारी नंदकुमार पटेल के मुताबिक शासन की ओर से उन्होंने पैरवी करते हुए कागजात के साक्ष्य पेश किए। मामले की सुनवाई के दौरान परदेशी के खिलाफ दोष सिद्ध हो गया। इसपर कोर्ट की मजिस्ट्रेट नेहा उसेंडी ने दोषी परदेशी राम को सजा सुनाई, इसमें 3 वर्ष, धारा 419 में 2 वर्ष, धारा 468 में 3 वर्ष और धारा 471 में 3 वर्ष की सजा दी गई।

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