नगर निगम कोरबा में फिर शुरू हुआ सड़क का डामरीकरण: क्या घोटाला मुक्त कार्य हो सकेगा संभव ?
कोरबा 20 अक्टूबर। नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा घंटाघर से महाराणा प्रताप चौक बुधवारी की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्व. बिसाहूदास महंत स्मृति उद्यान के समीप की सड़क का डामरीकरण का कार्य आज प्रारंभ कर दिया गया। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने डामरीकरण कार्य का निरीक्षण किया। कार्य की गुणवत्ता को देखा तथा आवश्यक दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए। लेकिन इससे आगे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सड़क घोटाला मुक्त रहकर बन सकेगी?
यहां उल्लेखनीय है कि जिला खनिज न्यास मद से कोरबा शहर की प्रमुख 06 सड़कों के नवीनीकरण, डामरीकरण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, इसी कार्य के अंतर्गत उक्त मार्ग का भी डामरीकरण कार्य कराया जा रहा है। घंटाघर चौक से महाराणा प्रताप चौक की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग में बडे़ नाले के निर्माण के दौरान सड़क की ऊंचाई बढ़ाई गई थी, वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाने के कारण डामरीकरण का कार्य नहीं किया जा सका था, जिससे उक्त मार्ग में आवागमन में परेशानी होती थी। अब वर्षा ऋतु समाप्त होते ही नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा सड़क डामरीकरण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आज महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद ने उक्त डामरीकरण कार्य का निरीक्षण किया, उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य के दौरान गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखें, सड़क की लेबलिंग पर विशेष फोकस करें ताकि सड़क पर पानी का जमाव न होने पाए। इस दौरान मेयर इन काउंसिल सदस्य संतोष राठौर, एल्डरमेन आरिफ खान, जोन कमिश्नर आर. के. चौबे, सहायक अभियंता एच. आर. बघेल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
हालांकि महापौर ने कार्य की गुणवत्ता पर जोर दिया है, लेकिन देखना होगा कि गत वर्ष पहली बारिश में ही 12 करोड़ की सड़क को बहा देने वाले नगर निगम कितनी गुणवत्ता के साथ कार्य करा पाता है? वैसे यह तय है कि ये सड़क अगले 8 माह तक सही सलामत रहेगी। क्योंकि इस अवधि में बारिश नहीं होगी। गुडवत्ता की परख 8 माह बाद जून- जुलाई में हो सकेगी। वैसे भी नगर निगम के खजाने पर कांग्रेस नेताओं का कब्जा है और वही नामी बेनामी ठेकेदारी कर रहे हैं जिसके कारण निगम के कार्य गुणवत्ताहीन होते हैं और राजनीतिक संरक्षण में भारी भ्रष्टाचार भी होता है।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष नगर निगम कोरबा ने 12 करोड़ रुपयों से अधिक की लागत से शहर की सड़कों का डामरीकरण कराया था। गर्मी के दिनों में कराया गया डामरीकरण पहली बारिश में ही रेत की तरह बह गया था। तब रोड की मेन्टेनेंश की गारंटी बताकर मामले में लीपापोती कर दी गई थी। अब यह भी देखना है कि बारिश में उखड़ी सड़कों का दोबारा निर्माण गारंटी के एवज में कराया जाता है या खनिज मद से प्राप्त राशि को दोबारा इन्हीं सड़कों पर खर्च किया जाता है? आपको बता दें कि नगर निगम कोरबा में डामरीकरण का कार्य घोटाले की योजना के तहत करने की चर्चा हमेशा आम लोगों में रहती है।