मनरेगा के कार्यो को पारदर्शी बनाने के साथ शुरू हुआ सोशल ऑडिट


कोरबा 14 सितंबर। स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार दिया जा सके, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी इसी उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे संबंधित कार्यों को पारदर्शी बनाने के लिए एक बार फिर सोशल ऑडिट की प्रक्रिया की जा रही है। सभी ग्रामों में इसके लिए विशेष कार्यवाही होना है।

पंचायत क्षेत्र के लोग जान सकेंगे कि जिन कार्यों के बारे में जानकारी दी जा रही है वे भौतिक रूप से उनके यहां हुए भी हैं या नहीं। लोगों की मौजूदगी में सोशल ऑडिट कराया जाना है। इसके लिए सचिवों के अलावा अन्य अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। अलग-अलग कार्य दिवस पर पंचायतों में सोशल ऑडिट किया जाएगा। बताया गया कि मौके पर बीते वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत किये गए कार्यों का अंकेक्षण होना है। इसके अलावा दूसरी योजनाओं से संबधित कार्यों पर भी जानकारी दी जानी है। पंचायतों को योजना आयोग के द्वारा प्रतिवर्ष विकास कार्यों के लिए काफी राशि उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही जनसंख्या के अनुपात में मूलभूत मद की राशि भी देने का प्रावधान है। आकस्मिक मद के कार्यों में इसका उपयोग किया जाना होता है। सरकार यह जानने का प्रयास कर रही है कि जो राशि पंचायतों को जारी की जा रही है उसका सदुपयोग हो भी रहा है या नहीं। इसलिए पंचायत के लोगों की उपस्थिति में सोशल ऑडिट पर जोर दिया जा रहा है ताकि गांव के लोग जान सकें कि जो दावे कामों को लेकर किये जा रहे हैं वे जमीन पर हैं भी या नहीं।

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