सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ईज 4.0 का हुआ अनावरण

बैंकों ने 5 साल में पहली बार कमाया मुनाफा

नईदिल्ली 11 सितम्बर। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वर्ष 2021-22 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ‘ईज 4.0’ के चौथे संस्करण का अनावरण किया। इसमें सक्षम-तकनीक, सरल और सहयोगी बैंकिंग की व्यवस्था है। वित्त मंत्री ने 2020-21 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सुधार एजेंडा ईज 3.0 की वार्षिक रिपोर्ट का भी अनावरण किया और ईज 3.0 बैंकिंग रिफॉर्म्स इंडेक्स पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों को सम्मानित किया।

*क्या है ईज एजेन्डा*

ईज (EASE) एजेंडा का पूरा नाम एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस है। 2 साल पहले 13 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को कम करके 5 बैंकों में सम्मिलित किया गया था। यह कार्य बैंकों की कार्य कुशलता और क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया था, जिससे घाटे में जा रहे सार्वजनिक बैंकों मुनाफा कमा सकें। उस समय से इसे ईज एजेंडा कहा गया था। इसके बाद निश्चित अंतराल पर एजेंडा के लक्ष्य बदलते रहे हैं।

*क्या है ईज 4.0 का लक्ष्य*

ईज सुधारों के अगले संस्करण यानी ईज 4.0 का उद्देश्य ग्राहक-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के काम करने के तरीकों में डिजिटल और डाटा को गहराई से जोड़ना है। एजेंडा 4.0 में पूर्वोत्तर में बैंकिंग सेवाएं सरल और विस्तृत करने पर जोर दिया जाएगा।

*पांच साल में पहली बार हुआ है मुनाफा*

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है। इन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों में तेजी दिखाई है। इसके कारण इन बैंकों को पिछले एक साल में करोड़ों रुपये का मुनाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2020 में जहां 26,016 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जबकि 2021 में सार्वजनिक बैंकों ने 31,817 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। पांच साल के नुकसान के बाद यह पहला साल है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मुनाफा कमाया है। मार्च 2021 तक कुल सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (टोटल नॉन-परफोमिंग ऐसेटस्) 6.16 लाख करोड़ रुपये की थी, जो मार्च 2020 में वर्तमान से 62,000 करोड़ रुपये अधिक थी। नॉन-परफोमिंग ऐसेटस् में गिरावट होने से मुनाफा हुआ है।

*डिजिटल उधार से लोन वितरण हुआ आसान*

ईज 3.0 के तहत एक प्रमुख पहल क्रेडिट@क्लिक थी। इसके कारण तात्कालिक और सरलीकृत ऋण पहुंच से लगभग 4.4 लाख ग्राहकों लाभ हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ग्राहकों के लिए ऐसा सिस्टम बनाया गया है जहां वे मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, एसएमएस, मिस्ड कॉल और कॉल सेंटर जैसे डिजिटल चैनलों के माध्यम से चौबीसों घंटे, हफ्ते के सातों दिन लोन लेने के लिए अनुरोध दर्ज कर सकते हैं। वित्त वर्ष 2021 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ऐसे डिजिटल चैनलों से प्राप्त अनुरोधों के माध्यम से सामूहिक रूप से 40,819 करोड़ रुपयों के नए व्यक्तिगत, होम और वाहन लोन बांटे हैं।

शीर्ष 7 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने मौजूदा ग्राहकों को ऋण देने के लिए समर्पित एनालिटिक्स टीमों और आईटी बुनियादी ढांचे की सहायता ली है। बैंकों के भीतर मौजूद ग्राहक लेनदेन डाटा का उपयोग करके इस तरह के लोन ऑफर तैयार किए गए थे। वित्त वर्ष 21 में इन क्रेडिट ऑफर्स के आधार पर शीर्ष 7 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा 49,777 करोड़ रुपयों का नया खुदरा (रिटेल) लोन बांटा गया।

*मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग और ग्राहक सेवा*

गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में होने वाले लगभग 72% वित्तीय लेनदेन अब डिजिटल चैनलों के माध्यम से हो रहे हैं। साथ ही ये बैंक अब तेलुगू, मराठी, कन्नड़, तमिल, मलयालम, गुजराती, बंगाली, ओडिया, कश्मीरी, कोंकणी, हिंदी, पंजाबी, असमिया जैसी 14 क्षेत्रीय भाषाओं में ग्राहकों को कॉल सेंटर, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सेवाएं दे रहे हैं।

*बैंक मित्रों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका*

वित्तीय समावेशन पहल के तहत बैंकिंग कवरेज में निरंतर सुधार के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक मित्रों द्वारा प्रदान किए गए लेनदेन में 13% की वृद्धि हुई है। इसके अलावा वित्त वर्ष 20 की चौथी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में सूक्ष्म(माइक्रो) व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा के नामांकन में 50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

*ईज 3.0 के बाद से बैंकों का समग्र स्कोर सुधरा*

ईज 3.0 रिफॉर्म्स एजेंडा के लॉन्च के बाद से पिछली चार तिमाहियों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने प्रदर्शन में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। मार्च-2020 और मार्च-2021 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समग्र स्कोर में 35% की वृद्धि हुई, औसत ईज सूचकांक स्कोर 100 में से 44.2 से बढ़ कर 59.7 हो गया। सुधार एजेंडा के सभी छह विषयों में अच्छा सुधार देखा गया है, जिसमें सबसे अधिक प्रगति ‘स्मार्ट लेंडिंग’ और ‘इंस्टीट्यूशनलाइजिंग प्रूडेंट बैंकिंग’ जैसे विषयों में हुई है।

*ईज 4.0 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इन बिंदुओं पर देने ध्यान*

> स्मार्ट लैन्डिंग
> अच्छी तकनीक के साथ चौबीसों घंटे बैंकिंग सेवाएं
> डेटा सक्षम कृषि वित्तपोषण
> वित्तीय ईकोसिस्टम के साथ सहयोग

*देश में कोविड -19 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आगे रहे: वित्त मंत्री*

कोविड महामारी के बावजूद अपने ग्राहकों को निर्बाध सेवा और ऋण वितरण जारी रखने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्त मंत्री ने सराहना की। उन्होंने कहा कि वे देश के दूर-दराज के हिस्सों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार में भी सबसे आगे रहे हैं।

आपको बता दें, स्टाफिंग के विभिन्न तरीकों को अपना कर तथा आपस में दूरी बनाए रख कर 80,000 से अधिक बैंक शाखाएं कोविड -19 के दौरान चालू रहीं। इसके अतिरिक्त, माइक्रो एटीएम के माध्यम से आधार सक्षम भुगतान प्रणाली से लेनदेन लगभग दो गुना हुआ और 75,000 से अधिक बैंक मित्रों द्वारा लोगों को उनके द्वार पर बैंकिंग की सेवाएं दी गईं।

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