सीनियर सिटीजन एक्ट का लाभ कैसे लें ?

घरेलू हिंसा, आपसी मतभेद और संपत्ति विवाद में बुजुर्गों से मारपीट जैसे मामलों से बुजुर्गों को उनका हक दिलाने के लिए, मातापिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 में प्रावधान किए गए हैं।

60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति सीनियर सिटीजन की श्रेणी में आते है। वर्तमान परिवेश में सीनियर सिटीजन के विरुद्ध आपराधिक घटनाये बढ़ी है ,इसलिए इस अधिनियम की आवश्यकता हुई है।

यह एक्ट सीनियर सिटीजन को मेंटेनेंस,मेडिकल फसीलिटीस ,लाइफ और प्रॉपर्टी को प्रोटेक्ट करने का अधिकार देता है। जो सीनियर सिटीजन अपने आपको मेंटेन नही कर सकते, पेरेंट्स को बेटर मेडिकल फेसिलिटी देने, फिसिकल असॉल्ट ,मेंटल हरासमेंट व संपत्ति की सुरक्षा ,प्रत्येक जिले में एक ओल्ड एज होम बनाये जाने का प्रावधान यह एक्ट करता है। सीनियर सिटीजन की सुनवाई हेतु यह एक्ट ट्रिब्यूनल की व्यवस्था करता है। जो कि सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के अधीन काम करता है। 

#ट्रिब्यूनल

वरिष्ठ नागरिको के शिकायतों के निराकरण के लिए इस अधिनियम में ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की गई है ,जहां पर वरिष्ट नागरिको के सिविल मामलों की सुनवाई की जाती है ।सब डिवीसीनल मजिस्ट्रेट इसके प्रमुख होते है जो कि 10 हजार तक का खर्च पीड़ित को दिलाने का अधिकार रखते है।
आपराधिक प्रकरणों की रिपोर्ट संबंधित थाने मे की जा सकती है।

सावधान रहें सुरक्षित रहें

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