आकृतियों के चितेरे बिट्टू ने इस दुनिया को कहा अलविदा, तस्वीरें देखते रहो नजर है कि हटती ही नहीं

बालोद। दल्ली राजहरा के रहने वाले हाल निवासी दुर्ग रंगोली कलाकार बिट्टू उर्फ वीरेंद्र कुमार की मौत हो गई। वे कुछ दिन पहले एक इमारत से गिरकर घायल हो गए थे। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मशहूर रंगोली कलाकार बिट्टू के इस तरह मौत से कला जगत में भी शोक का माहौल है तो उन्हें बालोद, दुर्ग भिलाई सहित राजनांदगांव जिले के उनसे जुड़े हुए कलाकारों और कद्रदानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बिट्टू की उम्र लगभग 40 वर्ष थी। जिन्होंने अब तक शादी भी नहीं की थी। उन्हें पढ़ाने वाले उनके शिक्षक एनपी चंद्राकर का कहना है कि लगभग 15 साल पहले वह दल्ली राजहरा में ही रहता था। उनके पिता वहां नौकरी करते थे। तब मैंने उन्हें पढ़ाया था। दल्ली राजहरा के एक आर्टिस्ट से ही बिट्टू ने बचपन से रंगोली आर्ट सीखा। फिर धीरे-धीरे उसकी प्रतिभा निखरने लगी। दल्ली राजहरा के स्कूल में रंगोली से कलाकारी करते-करते उसकी पहचान दल्ली से निकलकर दुर्ग जिले फिर छत्तीसगढ़ स्तर के बाद राज्य स्तर तक पहुंची। फिर उसे अलग-अलग मंचों, आयोजन में रंगोली बनाने के लिए बुलाया गया। उनकी रंगोली देखकर ऐसा लगता था मानो जमीन पर उन्होंने अपनी कलाकारी से जान डाल दी है 3D पेंटिंग की तरह उनकी रंगोली लोगों को आकर्षित करती थी। कभी तेल तो कभी पानी पर भी अपनी कलाकारी से रंगोली उकेर देते थे। 
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