कोल सेक्टर में नियोजित ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी के अनुसार नहीं मिल रहा वेतन

ज्वाइंट कमेटी की बैठक 29 व 30 को होगी

कोरबा 26 जुलाई। कोल सेक्टर में नियोजित ठेका मजदूरों के वेतन पर फैसले के लिए ज्वाइंट कमेटी बनाई गई है। नियमित कोयला कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण हर पांच वर्ष में जेबीसीसीआई के माध्यम से होता है। उसी तरह कोल सेक्टर के ठेका मजदूरों के लिए अब ज्वाइंट कमेटी में समीक्षा के आधार पर वेतन बढ़ोत्तरी की जाती है।

जिसमें प्रबंधन के अधिकारियों के साथ ही यूनियनों के प्रतिनिधि भी इस कमेटी के सदस्य हैं। एसईसीएल की कोयला खदानों से सहित अन्य कंपनियों में काम करने वाले ठेका कर्मियों को शिकायत रहती है कि खदानों ठेका मजदूरों के वेतन भुगतान में असमानताएं हैं। यूनियन व ठेका कामगारों का कहना है कि प्रबंधन खदान के भीतर काम करने वाले हर मजदूर को हाई पावर कमेटी के अनुसार वेतन नहीं देता है। खदान के अंदर अन्य कार्यो में भी ठेका मजदूर काम करते हैं। कोरबा, कुसमुंडा, दीपका व गेवरा एरिया की खदानों में कोयला उत्पादन के कार्य में 5 हजार ठेका मजदूर हैं।
बीते दिनों कोल इंडिया मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई.11 की पहली बैठक में ठेका श्रमिकों के वेतन संबंधित मुद्दा यूनियन प्रतिनिधियों ने उठाया था। जिसके बाद प्रबंधन ने अब इस पर चर्चा व पूर्व में लिए गए निर्णयों का कंपनियों में पालन की समीक्षा के लिए 29 व 30 जुलाई को एनसीएल सिंगरौली में बैठक रखी है। इसकी सूचना यूनियन प्रतिनिधियों को भी दे दी गई है।

ज्वाइंट कमेटी से तय दर के अनुसार कोल इंडिया के विभिन्न कंपनियों की खदानों में खनन गतिविधियों में शामिल कोयला मजदूरों का वेतन अभी अकुशल मजदूर को 939 रुपएए अर्ध-कुशल को 975 रुपए, कुशल को 1010 रुपए व उच्च कुशल मजदूर को 1046 की दर से वेतन तय किया गया है। करीब दो माह पहले वीडीए में बढ़ोत्तरी हुई थी।

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