मौसम बिगडने से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप्प

कोरबा 22 मार्च। गर्मी के सीजन में शुक्रवार को दोपहर पहली बार जमकर अंधड़ की उपस्थिति दर्ज हुई। तेज हवाओं के असर से छोटे-बड़े पेड़-पौधों का अस्तित्व खत्म हो गया। विद्युत लाइन पर पेड़ों की टहनियां टूटकर गिरी तो लाइन ट्रिप हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात को देखते हुए कल दोपहर से ही आपूर्ति ठप है जो आज भी जस की तस है। वहीं ओलावृष्टि के कारण बागवानी फसलों पर गंभीर असर हुआ।

कोरबा शहर के साथ-साथ जिले के सभी क्षेत्रों में कल के अंधड़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी। कई प्रकार के दुष्परिणाम इस वजह से सामने आए। बालको नगर और लोतलोता छुरी के फ्लाईऐश पॉंड से उड़ी राख ने बड़े हिस्से को प्रभावित किया। जल स्त्रोतों के साथ-साथ लोगों के घरों, प्रतिष्ठानों और कृषि क्षेत्र को जद में लिया। काफी तेज वेग से चली हवाओं के कारण कई जगह विद्युत लाइन बाधित हो गई। इसके ठीक दूसरी ओर विकासखंड कोरबा और बिजली वितरण संभाग कोरबा ग्रामीण के अंतर्गत आने वाले बरपाली, सरनीडेरा, श्यांग, जिल्गा, अमलडीहा, बासीन, कोदवारी, समरकना और आसपास के कई गांव में दोपहर 2 बजे बिजली आपूर्ति जो ठप हुई तो आज दूसरी दिन भी वापसी नहीं हो सकी। इसके अभाव में लोगों के घरेलू और व्यवसायिक कार्य बाधित हुए। जिन ग्रामों में बिजली पर जलापूर्ति निर्भर है वहां लोगों को पानी के लिए दूसरे विकल्प अपनाने पड़े। बिजली कंपनी ने हर बार की तरह यही तर्क दिया कि हाथी भी यहां पर घूम रहे हैं और मौसम भी एक कारण है इसलिए बिजली आपूर्ति के मामले में बाद में विचार करेंगे। इससे पहले भी यहां लंबे समय तक हाथियों के नाम से लोगों को परेशान किया गया। ऐसे में लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि जिंदगी किसकी ज्यादा महत्वपूर्ण है और परेशानी कब तक यूं ही भुगतनी होगी।

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