1 जुलाई से स्कूल खोलने की जल्दबाजी होगा गलत निर्णय , लाखों बच्चो के जीवन से खिलवाड़ ना करें सरकार:- बद्री अग्रवाल


:- कुछ लोगो के लाभ के लिए फीस एवं डोनेशन के माध्यम से मोटी रकम वसूलने की मंशा

Korba.अभाविप के पूर्व संयोजक, युवा भाजपा नेता बद्री अग्रवल ने कहा कि जहां एक ओर दिन – प्रतिदिन पूरे देश में कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़ रही है, प्रदेश के अधिकतर विद्यालयों को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया जहाँ लोगो को रख कर उनका परीक्षण किया जा रहा है तो वही दूसरी ओर 1 जुलाई से सरकार द्वारा स्कूल खोलने पर विचार विमर्श किया चल रहा है। यह निर्णय होता है तो सिर्फ और सिर्फ कुछ लोगो को अभिभावकों से फीस एवं डोनेशन के माध्यम से मोटी रकम वसूल करने का निर्णय होगा , सरकार द्वारा बार बार निर्देशित करने के बाद भी कुछ निजी विद्यालय ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अभिभावकों पर फीस हेतु दबाव बना रहे है, सरकार को इस नियम को कठोरता से लागू करते हुए फीस मांग करने वाले विद्यालय की मान्यता को तत्काल समाप्त करना चाहिए ताकि ये अन्य विद्यालय संचालकों के लिए एक सबक हो |

बद्री अग्रवाल ने कहा कि पूरा विश्व आज कोरोना महामारी से झूझ रहा है, हमारे देश के चिकित्सक, पुलिस, सेना के जवान, सफाई मित्र लगातार अपनी सेवा देकर देश को कोरोना से बचाने की मुहिम में अपने परिवार से दूर होकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में लगे हुए है वही दूसरी ओर सरकार द्वारा स्कूल खोलने का निर्णय लिया जाना केवल प्रदेश के लाखों मासूम बच्चो के शैक्षणिक भविष्य से नही बल्कि उनकी पूरी जिंदगी को जोखिम में डालने का कार्य होगा , स्कूल में छोटे-छोटे बच्चो के मध्य स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्देशित 6 फ़ीट की शारीरिक दूरी का पालन कराना संभव प्रतीत नही होता है, बच्चे अपने घर से निकलकर ऑटो-रिक्शा, बस के माध्यम से स्कूल पहुचेंगे, विद्यालय में लंच, छुट्टी के समय होने वाली भीड़ तक क्या छोटे अनभिज्ञय बच्चो को लगातार मास्क पहनाना, लगातार हाथ को सेनेटाइज करना, फिजिकल डिस्टेंस सेहत इस प्रकर की सभी सुरक्षात्मक उपाय का पालन कर पाना असंभव है, सरकार का यह निर्णय किसी नरभक्षी जानवर के सामने मासूम बच्चो को फेक देने के समान ही माना जाएगा । वर्तमान समय मे सरकार महाविद्यालय प्रारम्भ करने की तिथि तय नही कर पा रही है, सरकार को पहले महाविद्यालय प्रारंभ करने पर विचार करना चाहिए लेकिन सरकार द्वारा छोटे छोटे बच्चो को स्कूल बुलाकर बच्चो के ज़िंदगी के साथ प्रयोगशाला की तरह प्रयोग करने का यह निर्णय अत्यंत ही रोषप्रद होगा , बच्चे इस राष्ट्र की धरोहर है हमारे देश का आने वाला कल है इसलिए इस वैश्विक संक्रमण के समय किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करते हुए थोड़े बेहतर समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए, मैं अभिभावकों से भी यह निवेदन करना चाहूंगा कि सर्वप्रथम बच्चो की जिंदगी देखे, बच्चा 1 वर्ष बाद भी मैट्रिक पास कर सकता है लेकिन जल्दबाजी में कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो आप स्वयं को माफ भी नही कर पाएंगे, इसलिए घर पर रहे सुरक्षित रहें….!!!

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