आगजनी से एसईसीएल को 15 लाख का नुकसान, शरारती तत्वों पर जुर्म दर्ज

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0 कुसमुंडा परियोजना के वर्कशॉप में मशीनों को लगाई आग
कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना के उत्खनन विभाग के वर्कशॉप नंबर 1 व 3 में खड़ी डम्पर एवं सरफेस माइनर मशीनों को अज्ञात लोगों के द्वारा आग लगाकर नुकसान पहुंचाया गया है। आगजनी की इस वारदात से 15 लाख 10 हजार रुपए की क्षति कुसमुंडा परियोजना को हुई है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों पर जुर्म दर्ज कर पतासाजी प्रारंभ की है।
जानकारी के अनुसार इस वारदात को 30-31 मई की मध्य रात्रि अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा अंजाम दिया गया। रात करीब 2 बजे वर्कशॉप क्र. 1 व 3 में खड़ी मशीन डम्पर व सरफेस माइनर में लगाई गई आग के संबंध में सूचना ड्यूटी पर तैनात सैनिकों और पेट्रोलिंग पार्टी के द्वारा सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों एवं उप प्रबंधक कार्मिक शैलेन्द्र पाराशर पिता स्व. प्रभाकर पाराशर 50 वर्ष को भी दी गई। मौके पर पहुंचे स्टाफ और अग्निशमन दल के द्वारा किसी तरह वाहनों में लगी आग को बुझाया गया। इस घटना में 6 डम्पर और 2 सरफेस माइनर मशीनों को खासा नुकसान पहुंचा और कुसमुंडा परियोजना को हुए कुल नुकसान का आंकलन 15 लाख 10 हजार रुपए किया गया है। नुकसान का यह आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता था यदि नुकसान पहुंचाए गए 6 डम्परों के अलावा 25 और डम्पर इन शरारती तत्वों के मंसूबे के अनुसार जल गए होते। इस घटना की रिपोर्ट उप महाप्रबंधक कार्मिक शैलेन्द्र पाराशर ने कुसमुंडा थाना में दर्ज करा दी है। श्री पाराशर ने पुलिस को बताया है कि घटनास्थल से 25 नग तेल लगी हुई मशाल और 3 जला हुआ मशाल मिला है जिसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। जो 25 डम्पर शरारती तत्वों के निशाने पर आने से बच गए, उनके इंजन में डीजल युक्त मशाल पाए गए थे। माना जा रहा है कि शरारती तत्वों को इन मशालों में आग लगाने का मौका नहीं मिला जिससे उपरोक्त 25 डम्परों को कोई नुकसान नहीं हुआ। बहरहाल श्री पाराशर की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 435, 34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर पता-तलाश किया जा रहा है।

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