गीता देवी मेमोरियल पर डॉ. राम ने कूटरचित दस्तावेजों से लाभ लेने का लगाया आरोप
कोरबा, । कोसाबाड़ी में संचालित गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल की डायरेक्टर और संचालक पर नगर की वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ. श्रीमती नलिन राम ने गंभीर आरोप लगाते हुए मेडिकल लाइसेंस निरस्त करने व नर्सिंग एक्ट की कार्यवाही बावत् पुलिस-प्रशासन से मांग की है।
स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. श्रीमती नलिन राम 72 वर्ष सेवा सदन चिकित्सालय की संचालिका हंै। इन्होंने शिकायत में कहा है कि गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. संध्या कश्यप के द्वारा अस्पताल सेवा अनुबंध के तहत उन्हें पूर्णकालिक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में जून 2018 से मई 2019 के लिए 1 लाख रुपए मासिक अनुबंधित किया गया था। इसके पश्चात सेवा सदन में कार्य न कर सारी सेवाएं गीता देवी मेमोरियल को प्रदान की। 29 मई से 5 जून 2019 तक अवकाश पर महाराष्ट्र गई थी और लौटने पर डॉ. संध्या कश्यप एवं संचालक डॉ. बृजलाल कवाची के द्वारा अपने पत्र 8 जून 2019 के जरिए बताया गया कि उनके स्थान पर परमानंद नेताम एमएस को नवीन पदस्थापना पर रख लिया गया है। आरोप है कि इस संबंध में न्यूनतम 30 दिन पहले डॉ. राम को कोई सूचना प्रेषित नहीं की गई थी। इधर 20 दिसंबर 2019 को समाचार पत्रों में अस्पताल के विरूद्ध खबरों के संबंध में शिकायत जांच कर रहे सीएमएचओ डॉ. बीबी बोर्डे के समक्ष डॉ. कश्यप एवं डॉ. कवाची के द्वारा बताया गया कि डॉ. राम भी लगातार सेवाएं अस्पताल को दे रही हैं जबकि 31 मई 2019 के बाद वे अस्पताल में सेवारत नहीं थी।
इस कृत्य को डॉ. राम ने छल-कपट एवं धोखाधड़ी व अपराधिक षड़यंत्र बताते हुए कहा है कि परमानंद नेताम की नियुक्ति के समय उनका पंजीयन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में नहीं हुआ था जो गंभीर अपराधिक कृत्य है। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अपने फाइलों एवं प्रचार-सामग्रियों में डॉ. राम की फोटो सहित चिकित्सकीय योग्यता का प्रकाशन कराकर आर्थिक लाभ लिया जा रहा है जिससे उनके सभी पुराने परिचित मरीज दिग्भ्रमित होकर गीता देवी मेमोरियल में जा रहे हैं और सेवा सदन में नहीं आ रहे हैं जिसकी जानकारी मरीजों से ही उन्हें मिली। डॉ. राम के मुताबिक अपने शिकायत की जांच के जवाब में डॉ. बोर्डे को सौंपे गए दस्तावेजों में 12 जून और इसके बाद भी 6 मरीजों का इलाज मेरे द्वारा कराए जाने के संबंध में कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है जबकि 31 मई को उन्हें कार्य मुक्त कर दिया गया। 30 मई व 31 मई को भी 4 मरीजों का ईलाज डॉ. राम के द्वारा करना बताया गया है जबकि वे इस अवधि में महाराष्ट्र में थी। इसी तरह डॉ. श्रीमती स्वाति सिसोदिया के माध्यम से 3 अगस्त से 31 अगस्त 2019 तक 17 महिला मरीजों का उपचार स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कराया जाना डॉ. संध्या व डॉ. कवाची ने बताया है जबकि वे उनके संस्थान में अनुबंधित नहीं है। डॉ. आदित्य सिसोदिया को भी अपने संस्थान में 10 जुलाई 2019 से स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत होना बताया गया है।