रानू साहू की आंखों से छलक पड़े आंसू, फिर कहा- मैं स्ट्रांग हूं….

रायपुर। निलंबित IAS रानू साहू अब छत्तीसगढ़ DMF घोटाला केस में ED की रिमांड पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को जेल में बंद साहू को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी रानू से हर दिन 7 घंटे तक पूछताछ कर सकेगी। कोर्ट ने इसके लिए ED को 5 दिन का समय दिया है। सुनवाई के दौरान रानू साहू के कोर्ट में आंसू छलक पड़े। इस दौरान आंसू पोछते हुए उन्होंने कहा- मैं स्ट्रॉन्ग हूं.

दरअसल, ED ने रानू साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए गुरुवार को रायपुर की PMLA स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इस दौरान रानू साहू की आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने कोर्ट में कहा- प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

रानू साहू बोलीं- एक साथ सारे केस लगा दीजिए

निलंबित IAS ने कहा- कोल मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। उसके बाद भी एक के बाद एक केस लगाए जा रहे हैं। एक साथ सारा केस लगा दीजिए। रानू साहू ने कहा- जेल में रहते 16 महीने हो चुके हैं। एक-दो साल और रह सकती हूं.

रानू साहू ने आरोप लगाया कि उनका हेल्थ चेकअप नहीं किया जाता है। उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने कोर्ट से कहा-मुझे सोनोग्राफी और अन्य चेकअप करवाना है, लेकिन कई महीनों से यह नहीं हो पा रहा है.

निलंबित IAS के वकील बोले- साजिश के तहत कर रहे प्रताड़ित

वहीं रानू साहू के वकील फैसल रिजवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केस की पैरवी की। उन्होंने कोर्ट को बताया- ED की ओर से DMF मामले 2023 में ECIR दर्ज कर ली गई थी, लेकिन अब तक कोई जांच नही की गई.

वकील ने कहा- जब रानू साहू को कोल मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है और ACB के मामले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। ऐसे में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है.

सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगी पूछताछ

स्पेशल कोर्ट ने निलंबित IAS रानू साहू से 7 घंटे पूछताछ की अनुमति दी है। EDके अधिकारी हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक उनसे पूछताछ कर सकेंगे। यह अनुमति 22 अक्टूबर तक के लिए दी गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि, रानू साहू को उनके परिवार वालों से एक दिन छोड़कर मिलने की अनुमति होगी.

22 जुलाई 2023 को हुई थी रानू साहू की गिरफ्तारी


पूर्व कलेक्टर रानू साहू को ED ने कोल स्कैम केस में 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था। कोयला मामले को लेकर साल 2022 में आयकर विभाग ने सबसे पहले रानू साहू के शासकीय निवास और दफ्तर में छापा मारा था। इसके बाद ईडी ने रानू साहू के घर छापा मारा था.

उपायुक्त माया वारियर को किया गया गिरफ्तार

DMF घोटाले में ही मंगलवार को ED ने आदिवासी विभाग की उपायुक्त माया वारियर को गिरफ्तार किया था। कोरबा में माया आदिवासी विकास विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर रह चुकी हैं। ED ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और 23 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है.

रानू और माया में करीबी संबंध

रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ में कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण ईडी ने माया वारियर के दफ्तर और घर में छापा मारा था. DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर की गिरफ्तारी की है.

क्या है DMF घोटाला

प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक ED की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया.

40% सरकारी अफसरों को कमीशन मिला

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया.

ED के तथ्यों के मुताबिक टेंडर करने वाले संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर नाम के लोगों के साथ मिलकर किसी चीज की असल कीमत से ज्यादा का बिल भुगतान कर दिया। आपस में मिलकर साजिश करते हुए पैसे कमाए गए.

कोल स्कैम में भी ED को जेल में पूछताछ की मिली अनुमति

वहीं कोयला घोटाले मामले में ED को जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मिल गई है। 23 अक्टूबर तक ED जेल में जाकर सूर्यकांत, रजनीकांत, निखिल और रोशन कुमार सिंह से पूछताछ करेगी। सभी आरोपी रायपुर जेल में बंद हैं.

कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में गिरफ्तार आरोपियों का नार्को टेस्ट पर अब 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान EOW के तर्क पर बचाव पक्ष ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। 26 अक्टूबर को कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा.

EOW ने कोल घोटाले के सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने का कोर्ट में आवेदन लगाया है.

Spread the word