लोकसभा भवन बनाम छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन: सी एम भूपेश बघेल का बड़ा फैसला

रायपुर 13 मई। केन्द्र सरकार के विष्टा प्रोजेक्ट ( नया लोकसभा भवन और अन्य निर्माण) पर कॉंग्रेस के हमला और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये जा रहे विधानसभा भवन सहित अफसरों- मंत्रियों के भब्य बंगलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पलटवार के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा भवन की निविदा निरस्त कर दी है। साथ ही नवा रायपुर के प्रमुख निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा
दी है। यह जानकारी सी एम भूपेश बघेल ने स्वयं ट्वीट कर दी है।

हालांकि राज्य सरकार इस निर्णय का कारण कुछ और बता रही है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के कारण राज्य में उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने मितव्ययता के लिए और भी कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी सिलसिले में पूर्व से किए जा रहे उपायों को विस्तार देते हुए अब नवा रायपुर में निर्माणाधीन नये राजभवन, विधानसभा भवन, सी एम हाउस, मंत्रीगणों और वरिष्ठ अधिकारियों के आवास सहित नये सर्किट हाउस के निर्माण कार्यों में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इन कार्यो का भूमिपूजन 25 नवंबर 2019 को किया गया था।

याद दिलाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बीते 26 अप्रैल को सभी विभागों को निर्देश दिए गए है कि गत वर्ष की तरह ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी मितव्ययता बरती जाए। अब इससे भी आगे जाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नवा रायपुर में चल रहे प्रमुख निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया था कि वह विष्टा प्रोजेक्ट में अनावश्यक रूप से बड़ी धन राशि व्यय कर रही है। इसके जवाब में भाजपा ने छत्तीसगढ सरकार के नवा रायपुर के निर्माण कार्यों पर सवाल उठाया था। राज्य सरकार चाहे जो कारण बताए पर राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा कांग्रेस के उक्त विवाद का नतीजा मन जा रहा है।

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