सर्दी-खांसी-बुखार के मरीजों की जानकारी लेने घर-घर तक पहुंच रही एक्टिव सर्विलेंस टीम

  • 13 हजार से अधिक लोग पाये गये लक्षण
  • पांच हजार 487 लोगों में हुई कोरोना संक्रमण की पुष्टि
  • पिछले नौ दिनों में जिले के 48 हजार 240 घरों का किया जा चुका है सर्वे

कोरबा 22 अप्रैल 2021. कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए बनाए गए एक्टिव सर्विलेंस टीम द्वारा घर-घर पहुंचकर कोरोना के संदिग्ध लक्षण वाले लोगों की पहचान की जा रही है। सर्वे दल द्वारा लोगों की सर्दी, खांसी, बुखार की जानकारी ली जा रही है। एक्टिव सर्विलेंस टीम पिछले नौ दिनों में जिले के 48 हजार 240 घरों तक पहुंच चुकी है। सर्वे के दौरान जिले में 13 हजार 112 लोग लक्षण सहित पाये गये जिनमें से एक हजार 568 लोग उच्च जोखिम वाले मिले। कोरोना संदिग्ध 24 हजार 279 लोगों का एंटीजन टेस्ट कराया गया तथा चार हजार 798 लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट के माध्यम से कोरोना जांच की गयी। जांच रिपोर्ट में चार हजार 952 लोग एंटीजन टेस्ट में कोरोना पाॅजिटिव पाये गये तथा 535 लोगों की कोरोना पाॅजिटिव रिपोर्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से प्राप्त हुई। सर्वे के दौरान कुल पांच हजार 487 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिये घर-घर जाकर कोरोना के लक्षण वाले लोगों की पहचान की जा रही है जिससे समय रहते संक्रमण को अधिक लोगों में फैलने से रोका जा सकता है।

कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने सर्वे दल को स्वास्थ्य की सही जानकारी देनें लोगों से अपील की है। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना सर्वे सामुदायिक संक्रमण को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण अभियान है। उन्होंने कहा कि जिले भर में कोरोना लक्षण वाल लोगों की पहचान कर कोरोना जांच कराई जा रही है। कोरोना पाजिटिव लोगों की पहचान होने से कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। सर्वे के दौरान मिलने वाले कोरोना पाजिटीव लोगों की कोविड अस्पताल या होम आइसोलेशन के माध्यम से ईलाज किया जायेगा। कलेक्टर ने सर्वे दल को सर्दी, खांसी, बुखार तथा गंभीर बीमारी के बारे में सही-सही जानकारी देने की लोगों से अपील की है।

घर-घर भ्रमण कर सर्वे करने वाली एक्टिव सर्विलेंस टीम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम तथा बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हैं। कोरोना सर्वे टीम को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया है। सर्वे टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है एवं लक्षणयुक्त मरीजों की जानकारी ली जा रही है। लक्षणयुक्त मरीजों की जानकारी सेक्टर स्तर पर एकत्रित की जा रही है। इसके लिए सेक्टर स्तर के प्राचार्य और डाटा एंट्री आपरेटर की ड्यूटी लगाई गई है। सर्वे के दौरान पाये गये लक्षणयुक्त मरीजों का एन्टीजोन टेस्ट किया जा रहा है। जिले भर में मरीजों के गांव के समीप ही टेस्टिंग सेंटर भी बनाया गया है। घर-घर जाकर लोगों में बुखार सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ, शरीर में दर्द, दस्त तथा उल्टी होना एवं सूंघने अथवा स्वाद की शक्ति का अहसास न होने जैसे लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। सर्वे के दौरान लक्षणात्मक लोगों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्षणात्मक व्यक्तियों की जांच की व्यवस्था भी की गई है। जांच के लिये व्यक्तियों की संख्या अधिक होने पर उच्च जोखिम समूह वाले लोगों जैसे 60 वर्ष से अधिक, गर्भवती महिला, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति, कैंसर अथवा किडनी रोग वाले, टी.बी. रोग, सिकल सेल तथा एड्स के मरीजों की पहले जांच कराई जा रही है।

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