सोसायटी निलंबित पर कब होगा जेल -जुर्माना ?
न्यूज एक्शन। शहरी क्षेत्र के शासकीय राशन दुकानों में हजारों क्विंटल से अधिक चावल की अफरा तफरी के मामले में पांच सोसायटियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उपभोक्ताओं को राशन मिलता रहे इसलिए सभी दुकानें अन्य दुकानों में संलग्न कर दी गई है। शिकायत के बाद हुई सोसायटी निलंबन की कार्रवाई के उपरांत बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर उक्त सोसायटी संचालकों पर आगे क्या कार्रवाई होगी। क्या घपला करने वाले सोसायटी संचालकों के खिलाफ जेल जुर्माना की कार्रवाई होगी?यह देखने वाली बात होगी। शासन को लाखों करोड़ों की क्षति पहुंचाने वाले ऐसे सोसायटी संचालकों से क्या रिकवरी कर शासकीय खजाना भरा जाएगा ? यह सवाल भी बना हुआ है। नान घोटाला में जहां 36 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा का घोटाला हुआ है। प्रदेश में नान घोटाला को लेकर हंगामा मचा हुआ है। शिव शंकर भट्ट ने सरकारी गवाह बनकर पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह सहित पूर्व खाद्य मंत्री व अन्य को घोटाले का मास्टर मांइड बताया है। ऐसे में कई बड़े दिग्गज कार्रवाई के भंवर में फंसने वाले है। जहां दिग्गज नेताओं पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। वहीं कोरबा जिले में घपला करने वाले सोसायटी संचालकों पर ऐसी कोई कार्रवाई के न तो संकेत मिल रहे हैं और न ही कोई सुगबुगाहट नजर आ रही है । अगर ऐसा ही होता रहा तो आखिर घोटालेबाज सोसायटी संचालको के मन में खौफ और उन्हें सबक कैसे मिलेगा ?