कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ 19 मार्च को मड़वाढोढा में किसान महापंचायत

गांव-गांव में महापंचायत को लेकर हो रही है बैठक

कोरबा 18 मार्च। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मोदी सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ चलाये जा रहे देशव्यापी आंदोलन के क्रम में पूरे देश में किसान पंचायतें आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ किसान सभा और छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश में भी इन पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। 19 मार्च को कोरबा जिले के ग्राम मड़वाढोढा में एक किसान पंचायत का आयोजन किया जा रहा है जिसे अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोजए छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय परातेए छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकमए छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला आदि संबोधित करेंगे। इस पंचायत में जिले के हजारों किसानों के भाग लेने की संभावना है।

किसान महापंचायत को लेकर किसान सभा के जवाहर सिंह कंवरए नंदलाल कंवरए प्रताप दासए प्रशांत झाएदीपक साहूएश्याम सुंदर महंतएसंजय यादवएहेम सिंहएदिलहरण बिंझवारए सत्रुहन दास के द्वारा गांव गांव में बैठक कर महापंचायत की जानकारी किसानों को दी जा रही है साथ ही किसानों की समस्याओं की जानकारी एकत्रित की जा रही है जिसपर महापंचायत में चर्चा कर आगे आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।छग किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर और सचिव प्रशांत झा ने बताया कि देश के किसानों को अपनी फसल को कहीं भी बेचने देने की स्वतंत्रता देने के नाम पर वास्तव में उन्हें अडानी.अंबानी और कॉर्पोरेट कंपनियों की गुलामी की जंजीरों में बांधा जा रहा है। इन कृषि कानूनों का दुष्परिणाम यह होने वाला है कि उनकी जमीन कॉर्पोरेट कंपनियों के हाथों चली जायेगी और फसल अडानी की निजी मंडियों में कैद हो जाएगी। इसी फसल को गरीब जनता को मनमाने भाव पर बेचकर वे अकूत मुनाफा कमाएंगेए क्योंकि अनाज की सरकारी खरीदी न होने से राशन प्रणाली भी खत्म हो जाएगी। कुल मिलाकर ये कानून देश की खाद्यान्न सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को खत्म करेंगे।

किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने बताया कि इस किसान महापंचायत में किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के साथ वन भूमि में कबिजो को वनाधिकार पट्टा दिलाने एजिले में पेसा कानून को कड़ाई से पालन करनेए विस्थापितों को मुआवजा और बेहतर पुनर्वास की व्यवस्थाए विस्थापित परिवारों के बेरोजगारों को रोजगारएलंबित रोजगार मुआवजा बसाहट के प्रकरणों का निराकरण करनेए जिला खनिज न्यास का प्रभावित ग्रामों में खर्च करनेएभू.विस्थापन और खनन से जुड़े मुद्दों और उद्योगों के नाम पे ली गई जमीनों को मूल खातेदार किसानों को वापस करनेएकिसानों को राजस्व के मामले में फौती नामांतरण बटांकन त्रुटि सुधार पर भी चर्चा की जाएगी। मजदूरोंए छात्रोंएयुवाओं और महिलाओं से जुड़े संगठन भी पंचायत में हिस्सा लेंगे और किसानों की मांगों के प्रति अपने समर्थन और एकजुटता का इजहार करेंगे।

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