एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत: सीएम भूपेश ने कहा-बठेना की घटना को खुडमुड़ा की घटना से जोड़कर नहीं देखा जा सकता

रायपुर। दुर्ग जिले के बठेना गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की लाशें शनिवार को मिली थीं। इस मामले में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इंटेलिजेंस टीम को एक्टिव कर दिया है। पूरे मामले की इंटेलिजेंस जांच के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री ने इंटेलिजेंस के आईजी और दुर्ग के एसपी से फोन पर बात करते हुए इस मामले की जांच जल्द पूरी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गांव में एक घर में पिता और पुत्र की लाश फंदे से लटकी मिली थी, मां और दो बेटियों का जला हुआ शव पैरावट में मिला था।

इस मामले पर बयानबाजी शुरू हो गई है। इस केस को खुड़मुड़ा मर्डर केस भी जोड़ा जा रहा है। इधर इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि खुड़मूड़ा की घटना और बठेना की घटना दोनों अलग-अलग है, दोनों को जोड़कर नहीं देखा जा सकता। खुड़मुड़ा की घटना में अपराधी नहीं पकड़े गये हैं, ये चिंता का विषय है। ये बठेना की जो घटना है, ये घटना थोड़े अलग तरीके की है। हालांकि मृत्यु हुई है, चाहे मृत्यु किसी भी तरह से हो दुखद है।

जानिए सुसाइड नोट में क्या था

बठेगा गांव में रहने वाला 52 साल का रामबृज गायकवाड़ का शव इसके बेटे 24 साल के संजू गायकवाड़ के साथ लटका मिला। रामबृज की पत्नी जानकी बाई और इसकी दो बेटियां 28 साल की दुर्गा और 21 साल की ज्योति का शव घर से कुछ दूरी पर पैरावट में जलता हुआ बरामद किया गया। जब पुलिस ने इनके घर की जांच की तो करीब पांच पेज के सुसाइड नोट मिला। इसके अंत में परिवार से माफी मांगते हुए लिखा गया है, कि अब दुनिया से अलविदा होने का समय आ गया है।

आप लोग खुश रहना। जिसकी जो देनदारी मुझ पर निकल रही है, मेरे हिस्से की संपत्ति बेचकर उसे दे दी जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम हैं, वो बड़े सूदखोर हैं। ये अवैध ब्याज का धंधा करते हैं। रसूखदार होने के कारण पुलिस इन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।

भाई ने दोस्त को घर भेजा तो हुआ खुलासा

रामबृज गायकवाड़ (52) गांव से कुछ दूरी पर बाड़ी में ही मकान बनाकर परिवार के साथ रहते थे। घर में उनकी पत्नी जानकी बाई (45), बेटा संजू (25) और बेटियां ज्योति (22) और दुर्गा (28) थे। शनिवार को रामबृज के भाई ने उनके तीनों मोबाइल नंबर पर कॉल लगाया लेकिन सभी स्विच ऑफ थे। इसके बाद रामबृज के भाई ने रामबृज के दोस्त लखन वर्मा को बताया और देखकर आने के लिए कहा। लखन दोपहर करीब 2.30 बजे घर पहुंचे तो रामबृज और उनके बेटे फंदे से लटके मिले। इसके बाद लखन ने आसपास के लोगों को बताया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को नीचे उतारा। इस बीच किसी ने बताया कि पैरावट में भी शव पड़े हुए हैं।

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